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( ३०२ ) .५३ ६ क्षुद्रव्योज राशि प्रमाण कृष्ण लेशीवाले नारकी का उपपात व परभव का
आयुष्य बंध।
( कण्हलेस्म खुडागतेओगरनेरइया) एवं चेवx x x सेसं तं चेव । एवं जाव अहेसत्तमाए।
भग० श. ३१ । उ २ । सू ३
क्षुद्रत्र्योज राशि प्रमाण कृष्णलेशी नारकी का उपपात तथा परभव के आयुष्य के बंध के विषय में इसी प्रकार कहना ( '५३.५ ) धूमप्रभा से अधःसप्तम नारकी का इसी प्रकार विवेचन करना।
.५३.७ कृष्णलेशी क्षुद्रद्वापर-राशि प्रमाण नारकी का उपपात व परभव के
आयुष्य का बंध
( कण्हलेस्स खुडागदावरजुम्मनेरइया) एवं चेव x x x सेसं तं चेव, धूमप्पभावि, जाव अहेसत्तमाए।
-भग० श० ३१ । उ २ सू ४
कृष्णलेशी क्षुद्रद्वापर राशि नारकी तथा धूमप्रभा से अधःसप्तम नारकी के विषय में ( उपपात व परभव के आयुष्य के बंध ) इसी प्रकार कहना "५३ ५ ।
.५३.८ कृष्णलेशी क्षुद्रकल्योज राशि प्रमाण नारकी का उपपात तथा परभव के
आयुष्य का बंधन।
( कण्हलेस्सखुडागलिओग रइया ) एवं चेव x x x सेसं तं चेव । एवं धूमप्पभाए वि, तमाए वि, अहेसत्तमाए वि।
--भग. श. ३१ । उ२।सू ५ कृष्णलेशी क्षुद्र कल्योज राशि प्रमाण नारकी का उपपात व परभव का आयुष्य बंध इसी प्रकार कहना ('५३ ५ ) इसी प्रकार धूमप्रभा, तमः प्रभा, अधःसप्तम पृथ्वी तक कहना।
नोट-कृष्शलेशी नारकी-इनमें असंज्ञी, परिमृप, पक्षी और सिंहादि। (सभी चतुष्पाद ) उत्पन्न नहीं होते हैं। .५३.९ नोल लेशी नारकी का उपपात तथा परभव के आयुष्य का बंध आत्मप्रयोग
( जोग रुप व्यापार ) से होता है।
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