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( २४६ ) बहुगादो। तं जहा-'सव्वत्थोवा मणजोगद्धा। वचिजोगद्धा संखेज्जगुणा। कायजोगद्धा संखेज्जगुणा ति।' पुणो एदेसिमद्धाणं समासं काऊण तेण तिण्हं जोवाणं सण्णिरासिमोवट्ठिय अप्पप्पणो अद्धाहि पुध पुध गुणिदे मण-वचि-काय जोगरासीओ हवंति। तवो ट्ठिदमेदं एदे अट्ठ वि मिच्छाइटिरासोओ देवाणं संखेज्जदिभागो ति। सासणसम्मादिटिप्पहुडि जाव संजदासजदा ति ओघ ।
-षट् • खण्ड ० १ । २ । सू १०४ । पु ३ । पृष्ठ• ३८७ टोका-पलिदोवमस्स असंखेज्जदि भागतं पडि ओघजीवेहि सह एदेसि समाणत्तमस्थि ति ओघमिदि उत्त। पज्जवट्टियणए पुण अवलंबिज्जमाणे तेहितो एदेसि अत्थि महंतो भेदो। कुदो ? एदेसिमोघरासिस्स संखेज्जदि. भागत्तादो। तं पि कंध णव्वदे ? पुव्वुत्तद्धप्पाबहुगादो । सेसं सुगमं । पमत्तसंजदप्पहुडि जाव सजोगिकेवलि ति दवपमाणेण केवडिया, संखेज्जा।
-षट् सू १ । २ । सू १०५ । पु ३ । पृष्ठ० ३८७ टीका-एत्थ ओघरासिणा संखेज्जत्तं पडि एदेसि रासीणं समाणत्ते संते किमट्ठमोघमिदि ण परविदं सुत्ते? ण, एत्थ अवलंबिदपज्जवट्ठियणयत्तादो। सो वि एत्थ किमट्ठमवलं बिज्जदे ? जोगद्धप्पाबहुगमस्सिऊण रासिविसेसपदुप्पायणटुं। कंध जोगद्धप्पाबहुगमिदि वुत्ते वुच्चदे–'सव्वत्थोवा सच्चमणजोगद्धा। मोसमणजोगद्धा संखेज्जगुणा। सच्चमोसमणजोगद्धा संखेज्जगुणा। असच्चमोसमणजोगद्धा संखेज्जगुणा। मणजोगद्धा विसेसाहिया। सच्चवचिजोगद्धा संखेज्जगुणा। मोसवचिजोगद्धा संखेज्जगुणा। सच्चमोसवचिजोगद्धा संखेज्जगुणा। असच्चमोसवचिजोगद्धा संखेज्जगुणा । वचिजोगद्धा विसेसाहिया। कायजोगद्धा संखेज्जगुणा त्ति'।
योगमार्गणा के अनुवाद से पांचों मनोयोगियों और तीन वचनयोगियों में मिथ्यादष्टि जीव द्रव्यप्रमाण की अपेक्षा देवों के संख्यातवें भाग हैं।
यहाँ वचनयोगियों और अनुभय वचनयोगियों के साथ इन तीन वचनयोगियों की द्रव्यालाप के साथ समानता नहीं पाई जाती है। समान्यालापों का ही एक योग ही होता है, भिन्नालापों का नहीं। अतः यहां तीन ही वचनयोगियों का संग्रह किया गया है । देवों का द्रव्य, क्षेत्र व काल की अपेक्षा जो प्रमाण पहले कह आये हैं। (देव असंख्यात है) उसके संख्यातवें भाग इन आठ राशियों का प्रमाण है । क्योंकि ये आठों योग संज्ञी जीवों के
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