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इसी प्रकार मृषा-मनोयोगी, उभय-मनोयोगी और अनुभय मनोयोगियों की विष्कंभ सूची भी समझना चाहिए।
अनुभय मनोयोगियों की विष्कंभ सूची से मनोयोगियों की विष्कंभ सूची विशेषाधिक है । सत्त्व-वचनयोगियों को विष्कंभ सूची मनोयोगियों की विष्कंभ सूची से संख्यातगुणी है ।
इसी प्रकार मृषा-वचनयोगी, उभयवचन योगी, वैक्रियिक-काययोगी और अमुभय वचनयोगियों की विष्कंभ सूचियां भी उत्तरोतर संख्यातगुणी हैं। वचनयोगियों की विष्कंभ सूची अनुभय वचनयोगियों की विरुकंभ सूची से विशेषाधिक है। जगश्रेणी वचन-योगियों की विष्कंभ सूची से असंख्यातगुणी है। जगश्रेणी से वैऋियिकमिश्थ-काययोगियों का द्रव्य असंख्यातगुणा है।
सत्य मनोबोगियों का द्रव्य वैक्रियिकमिथ-काययोगियों के द्रव्य से संख्यातगुणा है।
इसी प्रकार मृषामनोयोगी, उभयमनोयोगी, अनुभय-मनोयोगियों का द्रव्य यथा क्रम से संख्यात गुणा है। मनोयोगियों का द्रव्य अनुभय-मनोयोगियों के द्रव्य से संख्यातगुणा है।
इसी प्रकार मृषा-वचनयोगी, उभय-वचनयोगी वैक्रियिक-काययोगी और अनुभय वचनयोगियों का द्रब्य यथाक्रम से संख्यातगुणा है। अनुभय वचनयोगियों के द्रव्य से वचनयोगियों का द्रव्य विशेषाधिक है। जग-प्रतर वचनयोगियों के द्रव्य से असंख्यातगुणा है।
लोक जगप्रतर से असंख्यातगुणा है। लोक से अयोगी जीव अनंतगुणे हैं। अयोगियों से कार्मणकाययोगी जीव अनंतगुणे हैं। कार्मणकाययोगियों से औदारिकमिश्रकाययोगी जीव असंख्यातगुणे हैं । औदारिकमिश्र-काययोगियों से औदारिक-काययोगी मिथ्यादृष्टि जीव संख्यातगुणे हैं । .११ योग स्थान का अल्पबहुत्व
एबमेक्केकस्स जोगगुणगारे पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो॥
टोका-पुवुत्तासेसजोगट्टाणाणं गुणगारस्स पमाणमेदेण सुत्तेण परुविदं । पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो गुणगारो होदि त्ति कधं गन्धदे ? एदम्हादो चेव सुत्तादो। णच पमाणतरमवेक्खदे, अणनत्थागसंगादो । तत्थ परुवणं वत्तहस्सामो। तं जहा-सत्तण्णं लद्धिअपज्जत्तजीवसमाणमथि उववादजोगट्ठाणाणि एयंताणुवडिजोगट्ठाणाणि परिणामजोगट्ठाणाणि च । सत्तणणिव्वत्तिअपज्जत्तजीवसमासाण
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