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( १०२ ) .४६ अयोगी क्रियावादी और भवसिद्धिक-अभवसिद्धिक
अलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावाई कि भव०-पुच्छा। गोयमा ! भवसिद्धिया, णो अभवसिद्धिया।x x x अयोगी जहा सम्मविट्ठी। ( सम्मदिट्ठी नहा अलेस्सा)।
--भग • श ३० । उ १ सू ३४
अयोगी क्रियावादी सम्यग्दृष्टि की तरह भवसिद्धिक है, अभवसिद्धिक नहीं है।
.४७ सयोगी नारकी और समवसरण की अपेक्षा भवसिद्धिक-अभवसिद्धिक एवं रद्वया वि भाणियव्वा, णवरं णायच्वं जं अस्थि ।
-भग. श ३० । उ १। सू ३४
इसी प्रकार सयोगी-मनोयोगी-वचनयोगी-काययोगी क्रियावादी नारकी भवसिद्धिक हैं, अभवसिद्धिक नहीं है। अक्रियावादी, अज्ञानवादी, विनयवादी की अपेक्षा नारको भवसिद्धिक भी है, अभवसिद्धिक भी है।
•४८ सयोगी असुरकुमार यावत् स्तनितकुमार और समवसरण की अपेक्षा भवसिद्धिक-अभवसिद्धिक एवं असुरकुमारा वि जाव थणियकुमारा।
-भग० श ३० । उ १ । सू ३४
इसी प्रकार सयोगी-मनोयोगी-वचनयोगी व काययोगी असुर कुमार यावत् स्तनितकुमार क्रियावादी भवसिद्धिक है, अभवसिद्धिक नहीं हैं । अक्रियावादी, अज्ञानवादी, विनयवादी असुरकुमार यावत् स्तनितकुमार भवसिद्धिक भी है, अभवसिद्धिक भी है। •४९ सयोगी अक्रियावादी पृथ्वीकयिक और भवसिद्धिक, अभवसिद्धिक ., अज्ञानवादी
पुढविक्काइया सव्वट्ठाणेसु वि मस्मिल्लसु दोसु वि समोसरणेसु भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि।
..-भग• श ३० । उ १ । सू ३४
संयोगों, काययोगी पृथ्वीकायिक अक्रियावादी व अज्ञानवादी भवसिद्धिक भी है, अभवसिद्धिक भी है।
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