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सयोगी अक्रियावादी जीव नरकायु, तिर्यंचायु, मनुष्यायु और देवायु चारों प्रकार की आयु बांधते हैं ।
इसी प्रकार सयोगी विनयवादी तथा सयोगी अज्ञानवादी भी चारों प्रकार की आयु बांधते हैं ।
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-२१ अयोगी क्रियावादी जीव का समवसरण की अपेक्षा से आयुष्य-बन्ध अलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियाबाई किं णेरइयाउयं - पुच्छा । गोयमा ! जो परइयाउयं पकरेs, णो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेइ, णो मणुस्साउयं पकरेइ, णो देवाउयं पकरेइ x x x । अजोगी जहा अलेस्सा x x x
- भग० श ३० । उ १ । सू १७ और २२
अयोगी क्रियावादी जीव न नरकायु बांधता है, न तिर्यंचायु बांधता है, न मनुष्यायु बांधता है और न देवायु बांधता है ।
• २२ सयोगी नारकी और अक्रियावादी की अपेक्षा आयुष्यबंध
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अज्ञानवादी विनयवादी
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( रइया) जे अकिरियाबाई, अण्णाणियवाई, वेणइयवाई ते सव्वाणेसु वि णो णेरइयाउयं पकरेइ, तिरिक्खजोणियाउयं विपकरेइ, मणुस्साउयं विपकरेइ, णो देवाउयं पकरेइ ।
- भग० श ३० । उ १ । सू २४, २५
सयोगी - मनोयोगी - वचनयोगी व काययोगी अक्रियावादी, अज्ञानवादी व विनयवादी नारकी - तिर्यंच का भी आयुष्य बांधते हैं, मनुष्य का भी आयुष्य बांधते हैं। नैरयिक व देव का आयुष्य नहीं बांधते हैं ।
- २५ सयोगी नारकी और क्रियावादी की अपेक्षा आयुष्यबंध
सलेस्साणं भंते ! × × × एवं सव्वे वि णेरइया जे किरियाबाई ते मणुसाउयं एवं पकरेइ |
- भग० श ३० । उ १ । सू २५
सयोगी - मनोयोगी - वचनयोगी व काययोगी क्रियावादी नारकी एकमात्र मनुष्य का ही आयुष्य बांधते हैं ।
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- २६ सयोगी असुरकुमार यावत् स्तनितकुमार और क्रियावादी की अपेक्षाआयुष्यबंध एवं जाव थणियकुमारा जहेव णेरइया ।
- भग० श ३० । उ १ । सू २५
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