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( ५४ ) २९.१४ सयोगी ज्योतिषी देव में कषायोपयोग के विकल्प
__ ज्योतिषीदेव के असंख्यात लाख विमाणवासों में वासित मनोयोगी, वचनयोगी, काययोगी ज्योतिषीदेव में भवनवासी देवों की तरह लोभोपयोग, मायोपयोग, मानोपयोग व क्रोधोपयोग के सत्ताईस विकल्प कहने ( देखो पाठ २९.१३)। •२९.१५ सयोगी वैमानिक देव में कषायोपयोग के विकल्प
वैमानिक देवों के भिन्न-भिन्न भेदों में भिन्न-भिन्न संख्यात विमानावासों के अनुसार एक-एक विमानावास में वासित मनोयोगी, वचनयोगी, काययोगी वैमानिक देबों में भवनवासी देवों की तरह लोभोपयोग, मायोपयोग, मानोपयोग व क्रोधोपयोग के विकल्प कहने ( देखो पाठ २९.१३ )।
देवों में पाये जाने वाले सत्ताईस भंग इस प्रकार हैअसंयोगी १ भंग
१-सभी लोभी द्विक संयोगी ६ भंग
१ लोभी बहुत, मायी एक २ लोभी बहुत, मायी बहुत ३ लोभी बहुत, मायी एक ४ लोभी बहुत, मायी बहुत ५ लोभी बहुत, क्रोधी एक ६ लोभी बहुत, क्रोधी बहुत । त्रिक संयोगी १२ भंग
१. लोभी वहुत, मायी एक, मानी एक २. लोभी बहुत, मायी एक, मानी बहुत ३. लोभी बहुत, मायी बहुत, मानी एक ४. लोभी बहुत, मायी बहुत, मानी बहुत ५. लोभी बहुत, मायी एक, क्रोधी एक ६. लोभी बहुत, मायी एक, क्रोधी बहुत ७. लोभी बहुत, मायी बहुत, क्रोधी एक ६. लोभी बहुत, मायी बहुत, क्रोधी बहुत
९. लोभी बहुत, मानी एक, क्रोधी एक .१०. लोभी बहुत, मानी एक, क्रोधी बहुत
११. लोभी बहुत, मानी बहुत, क्रोधी एक
१२. लोभी बहुत, मानी बहुत, क्रोधी बहुत चतुः संयोगी आठ भंग
१. लोभी बहुत, मायी एक, मानी एक, क्रोधी एक २. लोभी बहुत, मायी एक, मानी एक, क्रोधी बहुत
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