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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष सोमाल-सोवत्थि सोमाल न [दे] माँस ।
सोलसिआ स्त्री [षोडशिका] रस-मान-विशेष, सोमित्ति पुं[सौमित्रि] राम-भ्राता लक्ष्मण । | सोलह पलों की एक नाप । सोमित्ति स्त्री [सुमित्रा] लक्ष्मण की माता । | सोलह देखो सोलस ।
पुत्त पुं [पुत्र] । 'सुय पुं [°सुत] | सोलहावत्तय पुं [दे] शंख । लक्ष्मण।
सोल्ल सक [पच्] पकाना । सोमिल पुं. एक ब्राह्मण ।
सोल्ल सक [क्षिप] फेंकना । सोमेत्ति देखो सोमित्ति = सौमित्रि । सोल्ल सक [ ईर्, सम् + ईर् ] प्रेरणा सोमेसर पुं [सोमेश्वर] सौराष्ट्र का सोमनाथ __ करना। महादेव ।
सोल्ल न [दे] मांस । देखो सुल्ल = शूल्य । सोम्म वि [सौम्य] रमणीय । ठंढा । शान्त
सोल्ल वि [पक्व] पकाया हुआ । स्वभाववाला । प्रिय-दर्शन । जिसका अधिष्ठाता
सोल्लिय वि [पक्क] पकाया हुआ। न. पुष्पसोम-देवता हो । भास्वर । पुं. बुध ग्रह । शुभ
विशेष । ग्रह । वृष आदि सम राशि । उदुम्बर वृक्ष ।
सोव देखो सुव = स्वप् । द्वीप-विशेष । सोम-रस पीनेवाला ब्राह्मण ।
सोवकम । वि [सोपक्रम] निमित्त-कारण देखो सोम = सौम्य ।
सोवक्कम) से जो नष्ट या कम हो सके वह सोरटु पुं [सौराष्ट्र] काठियावाड़। वि. सोरठ।
कर्म, आयु, आपदा आदि ।
| सोवचिय वि [सोपचित] उपचय-युक्त, स्फीत, देश का निवासी । न. छन्द-विशेष ।
पुष्ट। सोरट्ठिया स्त्री [सौराष्ट्रिका] एक प्रकार की
सोवच्चल पुन [सौवर्चल] काला नमक । मिट्टी, फिटकिरी । एक जैन मुनि-शाखा।
सोवण न [दे] वास-गृह, शय्या-गृह, रतिसोरब्भ सोरंभ इन [सौरभ] सुगन्ध ।
मन्दिर । स्वप्न । पुं. मल्ल । सोरभ ।
सोवण (अप) देखो सोवण्ण । सोरसेणी स्त्री [शौरसेनी शूरसेन देश की |
| सोवणिअ वि [शौवनिक] श्वान-पालक । प्राचीन भाषा, प्राकृत भाषा का एक भेद ।।
कुत्तों से शिकार करनेवाला । सोरह देखो सोरभ ।
सोवणी स्त्री [स्वापनी] विद्या विशेष । सोरिअ न [शौर्य] शूरता, पराक्रम ।
सोवण्ण वि [सौवर्ण] स्वर्ण-निर्मित । सोरिअ न [शौरिक] कुशावर्त देश की प्राचीन सोवण्णमक्खिआ स्त्री [दे] एक तरह की राजधानी । एक यक्ष । °दत्त पुं [°दत्त] एक | शहद की मक्खी । मच्छीमार का पुत्र । एक राजा। °पुर न. सोवण्णिअ । वि [सौवणिक] सोने का । एक नगर । वडिंसग न [°ावतंसक एक सोवण्णिग , पव्वय पुं [पर्वत] मेरु उद्यान ।
पर्वत । सोलस त्रि. ब. [षोडशन्] सोलह । सोलह | सोवण्णेअ पुंस्त्री [सौपर्णय] गरुडपक्षी । संख्यावाला । वि. १६ वा । °म वि [°श] | सोवत्थ न [दे] उपकार । वि. उपभोग्य । १६ वाँ। सात दिनों के उपवास । य न सोवत्थि । वि [सौवस्तिक] माङ गलिक [क] सोलह का समूह । "विह वि [विध] | सोवत्थिअ , वचन बोलनेवाला, मागध । पुं. सोलह प्रकार का।
| ज्योतिष्क महाग्रह-विशेष । त्रीन्द्रिय जन्तु की
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