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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
सिक्ख-सिढिलावि
सिक्ख देखो सिक्खाव।
| सिज्ज° देखो सिज्जा। सिक्खग वि [शिक्षक] शिक्षा-कर्ता । सिज्जभण पुं [शय्यंभण] एक सुप्रसिद्ध प्राचीन सिक्खग पं [शैक्षक] नूतन शिष्य ।
जैन महर्षि । सिक्खण न [शिक्षण] अभ्यास, पाठ । सीख, सिज्जंस देखो सेज्जंस - श्रेयांस । उपदेश । अध्यापन, पाटन ।
| सिज्जा स्त्री [शय्या] बिछौना। उपाश्रय, सिक्खव देखो सिक्खाव।
वसति । 'तरी, यरी स्त्री. उपाश्रय की सिक्खवअ वि [शिक्षक] शिक्षा देनेवाला ।
मालकिन । 'वाली स्त्री ["पाली] बिछौना पढ़ानेवाला।
का काम करनेवाली दासी । देखो सेजा।
सिजिअ (अप) वि [सृष्ट] उत्पन्न किया हुआ, सिक्खा स्त्री [शिक्षा] सजा । वेद का एक
बनाया हुआ। अङ्ग, वर्णों के उच्चारण -सम्बन्धी ग्रंथ-विशेष,
सिज्जिर वि [स्वेत्त] पसीनावाला । अक्षरों के स्वरूप को बतलानेवाला शास्त्र ।
सिज्जूर न [दे] राज्य । शास्त्र और आचार-सम्बन्धी शिक्षण, अभ्यास, उपदेश । °वय न ["व्रत] जैन गृहस्थ के
सिज्झ अक [सिध् ] निष्पन्न होना । पकना । सामायिक आदि चार वा । वय न [°पद]
मुक्त होना । “मंगल होना। गति करना, शिक्षा-स्थान ।
जाना । सक. शासन करना। सिक्खा (अप) स्त्रो [शिया] छन्द-विशेष ।। सिज्झ देखो सिंझ। सिक्खाण न [शिक्षाण] आचार-सम्बन्धी
सिज्झणया । स्त्री [सेधना] सिद्धि, मुक्ति, उपदेश देनेवाला शास्त्र ।
सिज्झणा । निर्वाण । निष्पत्ति, साधना । सिक्खाव सक [शिक्षय | सिखाना, पढ़ाना,
सिट्ठ वि [श्रेष्ठ] अति उत्तम । अभ्यास कराना।
सिट्ठ वि [सृष्ट] रचित, निर्मित । युक्त । सिक्खावअ देखो सिक्खवअ ।
निश्चित । भूषित । बहुल । त्यक्त । सिक्खावण न [शिक्षण] सिखाना, सीख, सिट्ठ वि [शिष्ट] कथित, उपदिष्ट । सज्जन, हितोपदेश ।
प्रतिष्ठित । °गयार पुं [चार] भलमनसी, सिक्खिअ वि [शिक्षित] सीखा हुआ, जान
सदाचार । कार, विद्वान् ।
सिट्ठ वि [दे] सो कर उठा हुआ। सिखा स्त्री [शिखा] छन्द-विशेष । | सिट्रि स्त्री [सृष्टि] विश्व-निर्माण । निर्माण । सिखि देखो सिहि = शिखिन् ।
स्वभाव । जिसका निर्माण होता हो वह । सिगया देखो सिकया।
सीधा क्रम । सिगाल देखो सिआल।
सिट्टि पुं [दे. श्रेष्ठिन्] नगर-सेठ । पय न सिग्ग वि [ दे ] श्रान्त । पुन. परिश्रम, [°पद] नगर-सेठ की पदवी । देखो सेट्रि। थकावट ।
सिट्टिणी स्त्री [श्रेष्ठिनी] श्रेष्ठि-पत्नी, सेठानी । सिग्गु पुं [शिन] सहिजना का पेड़ । सिड्ढी स्त्री [दे] सीढ़ी, निःश्रेणि । सिग्घ न [शीघ्र] जल्दी । वि. शीघ्रता-यक्त ।। सिढिल वि [शिथिर, शिथिल] श्लथ, ढीला । सिचय पुं. वस्त्र, कपड़ा।
अदृढ़ । मन्द । सिच्छा स्त्री स्वेच्छा] स्वच्छन्द ।
सिढिल सक [शिथिलय ] शिथिल करना । सिज्ज अक [स्विद्] पसीना होना ।
सिढिलाविअ वि [शिथिलित] शिथिल
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