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सिंदूर-सिक्ख
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष सिंदूर न [सिन्दूर] रक्त-वर्ण, चूर्ण-विशेष । सिंह पुं. मृगराज, केसरी । एक राज-कुमार । पुं. वृक्ष-विशेष ।
एक राजा। भ० महावीर का एक शिष्य, सिंदोल न [दे] खजूर ।
मुनि-विशेष । व्रत-विशेष, त्रिविधाहार की सिंदोला स्त्री [दे] खजूरी, खजूर का पेड़ ।। संलेखना-परित्याग । °अलोअण (अप) न सिंधव न [सैन्धव] सिंध देश का लवण । पुं.
[वलोकन] सिंह की तरह पीछे देखना । घोड़ा।
छन्द-विशेष । °उर न [°पुर] पंजाब देश सिंधविया स्त्री [सैन्धविका] लिपि-विशेष ।
का एक प्राचीन नगर। कण्णी स्त्री सिंधु स्त्री [सिन्धु] सिन्धु नदी । नदी । सिन्धु
[कर्णी] वनस्पति-विशेष । °केसर पुं. एक नदी की अधिष्ठायिका देवी। पुं. समुद्र ।
प्रकार का उत्तम मोदक । °दत्त पुं. एक
व्यक्ति । वि. सिंह से दिया हुआ। "दुवार सिन्धदेश । द्वीप-विशेष । पम-विशेष । णद न
न [°द्वार] राज-द्वार । वलोक पुं. सिंह [°नद]नगर-विशेष । णाह [नाथ]समुद्र ।
की तरह पीछे की तरफ देखना । छन्द°देवी स्त्री. सिन्धु नदी की अधिष्ठायिका देवी। 'देवीकूड पुं ['देवीकूट] क्षुद्र
विशेष । °सण न [°ासन] राज-गद्दी । हिमवंत पर्वत का एक शिखर । °प्पवाय |
देखो सीह । पुन [°प्रपात] कुण्ड-विशेष, जहाँ पर्वत से | सिहल पुं. सिंहल-द्वीप । पुंस्त्री. उस का सिन्धु नदी गिरती है । प्राय पुं [°राज]
निवासी। सिन्ध देश का राजा। °वइ पुं [ पति
सिंहलिआ स्त्री [दे] शिखा। समुद्र । सिन्ध देश का राजा। °सोवीर पुं
| सिंहिणी स्त्री [मिहिनी] छन्द-विशेष । [°सौवीर सिन्धु नदी के समीप का देश ।
सिंहीभूय न [सिंहीभूत] व्रत-विशेप, चतुर्विध सिंधुर पुं [सिन्धुर] हाथी।
आहार की संलेखना-परित्याग । सिंप देखो सिंच।
सिकता । स्त्रो. रेत ।
सिकया) सिंपुअ वि [दे] पागल, भूताविष्ट । सिंबल पुं [शाल्मल] सेमल का गाछ ।
सिक्क पुं [सृक्क] होठ का अन्त भाग । सिंबलि देखो संबलि = शाल्मलि।
सिक्कग पुंन [शिक्यक] सिकहर, सीका, छींका।
सिक्कड पुन [दे] खटिया, मचिया । सिंबलि स्त्री [शिम्बलि, शिम्बा] कलाय
सिक्कय देखो सिक्कग। आदि की फली, छीमी, फलियाँ । °थालग |
सिक्करा स्त्री [शर्करा] खंड, टुकड़ा । पुंन ["स्थालक] फली की थाली । फली का
सिक्करिअ न [सीत्कृत] अनुराग की आवाज । पाक । देखो संबलि।
सिक्करिआ स्त्री [दे श्रीकरी] जहाज का सिबलिका स्त्री [सिम्बलिका] टोकरी ।
आभरण-विशेष । सिबा स्त्री [शिम्बा] फली, छीमी ।
सिक्कार ' [सीत्कार] अनुराग की आवाज । सिंबाडी स्त्री [दे] नाक की आवाज ।
हाथी की चिल्लाहट । सिंबीर न [दे] पलाल, घास । सिंभ पुंश्लेष्मन्] श्लेष्मा, कफ ।
सिक्किआ स्त्री [शिक्या, शिक्यिका] चढ़ने के सिंभलि देखो सिंबलि = शाल्मलि ।
लिए रस्सी की बनी हुई एक चीज । सिभि वि [श्लेष्मिन्] श्लेष्म-रोगी । | सिक्ख सक [शिक्ष् सीखना, पढ़ना । अभ्यास, सिभिय वि [श्लैष्मिक] श्लेष्म-सम्बन्धी। करना।
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