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सामंतोवणिवाइया सामंतोवणीआ
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सामत्थ देखो सामच्छ ।
का जानकार | आगम-आश्रित सिद्धान्तआश्रित । बौद्ध विद्वान् ।
सामय तक [प्रति + ईक्ष्] प्रतीक्षा करना । सामय पुं [ श्यामाक] धान्य- विशेष, साँवा ।
सामइग देखो सामाइअ ।
सामंत पुंन [ सामन्त ] निकट । पुं. अधीन सामरि पुंस्त्री [दे. शाल्मलि ] शाल्मली वृक्ष । सामरिस वि[सामर्ष ] ईर्ष्यालु, असहिष्णु ।
राजा । समीप देश का राजा ।
सामंती स्त्री [दे] सम-भूमि ।
सामल वि [ श्यामल] काला । पुं. एक वणिक् । सामंतोवणिवाइयन [ सामन्तोपनिपातिक ] सामलय वि [ श्यामलक ] काला । काला पानीवाला । पुं. वनस्पति- विशेष ।
अभिनय का एक भेद ।
सामला स्त्री [ श्यामला ] कृष्ण वर्णवाली स्त्री । सोलह वर्ष की स्त्री ।
स्त्री [ सामन्तोपनि पातिकी] क्रिया
विशेष, चारों तरफ से इकट्ठे हुए जन-समुदाय में होनेवाली क्रिया - कर्म-बन्ध का कारण । सामंतोवायणिय पुंन [सामन्तोपपातनिक ]
अभिनय - विशेष |
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
सामक्ख देखो समक्ख ।
सामग देखो सामय = श्यामाक | सामग्ग सक [श्लिष् ] आलिङ्गन करना । सामग्ग न] [ सामग्र्य ] सामग्री, संपूसामग्गिअ ता सकलता । सामग्गिअ वि [ दे] चलित | अवलम्बित | पालित, रक्षित ।
सामग्गी स्त्री [सामग्री] समस्तता । कारणसमूह |
सामच्छ सक [दे] मन्त्रणा करना, पर्यालोचन
करना ।
सामच्छ न [सामर्थ्य ] समर्थता, शक्ति । सामज्ज न [साम्राज्य ] सार्वभौम राज्य |
सामण
सामणिय
}
वि [ श्रामण 'णिक ] श्रमणसंबन्धी ।
सामणिय देखो सामण्ण = श्रामण्य | सामणेर पुं [ श्रामणि] साधु की संतान । सामण्ण न [ श्रामण्य] श्रमणता, साधुपन । सामण्ण पुं [सामान्य ] अणपन्नी देवों का एक इन्द्र । न वैशेषिक दर्शन में प्रसिद्ध सत्ता पदार्थ | वि. साधारण ।
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सामइग - सामाजिअ
सामलि पुंस्त्री [शाल्मलि ] सेमल का गाछ । सामली देखो सामला ।
सामलेर पुं [शाबलेय] काबरचित गौ-चितकबरी गाय का वत्स ।
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सामा स्त्री [ श्यामा] तेरहवें जिनदेव की माता । तृतीय जिनदेव की प्रथम शिष्या । रात्रि । शक्र की एक अग्र महिषी । प्रियंगु वृक्ष । एक महौषधि । साम- लता । सोम-लता । मारी । श्याम वर्णवाली स्त्री । सोलह वर्ष की स्त्री । सुन्दर स्त्री । यमुना नदी । नील या गुग्गुल का गाछ । गुडूची, गला । गुन्द्रा । कृष्णा । अम्बिका । कस्तूरी । वटपत्री । वन्दा की लता । हरी पुनर्नवा । पिप्पली का गाछ । हरिद्रा । नील दूर्वा । तुलसी । पद्मबीज । गौ । छाया । सीसम का पेड़ । पक्षि-विशेष ।
° स पुं [] रात्रि भोजन ।
सामाइअ न [ सामायिक ] संयम - विशेष, सम-भाव । राग-द्वेष-रहित अवस्थान । सामाइअ वि [ सामाजिक ] समाज का, समूह से संबन्ध रखनेवाला, सभ्य । सामाइअवि [ श्यामायित ] रात्रि-सदृश । सामाग पुं [ श्यामाक] भ० महावीर के समय का एक गृहस्थ, जिसके ऋजुवालिका नदी के किनारे पर स्थित क्षेत्र में महावीर को केवल ज्ञान हुआ था । सामाजिअ देखो सामाइअ = सामाजिक ।
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