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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
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सअ-सअढ
उत्पत्ति स्थानवाला, संसारी । 'ज्जीअ, 'जीव व [ 'जीव] धनुष की डोरीवाला | सचेतन । न. कला-विशेष, मृत धातु वगैरह को सजीवन करने का ज्ञान । ड्ढ वि [T] डेढ़ | "ड्ढकाल पुं [°र्धकाल ] पुरिमड्ढ तप । णप्पय, 'णप्फद, णप्फय वि [ नखपद] नख युक्त पैरवाला, सिंह आदि श्वापद जन्तु । णाह वि [नाथ ] स्वामीवाला । तहवि ['तृष्ण] तृष्णा-युक्त, उत्कण्ठित । तर वि [" त्वर] त्वरा युक्त, वेगवाला | न. शीघ्र । 'द्धवि [T] डेढ़ | 'धवा स्त्री. सौभाग्यवती स्त्री । 'नय वि. न्याययुक्त | पक्ख वि [ पक्ष ] पाँखवाला । सहायक, मित्र । समान पार्श्ववाला, दक्षिण आदि तरफ से जो समान हो वह । पुन्न वि [ पुण्य] पुण्यशाली | भवि [भ] प्रभायुक्त । परिआव, प्रताव वि [परिताप] सन्ताप से युक्त । पिसल्लग वि [ "पिशाचक ] पिशाच गृहीत, पागल | 'प्पिवास वि [पिपास ] तृषातुर । प्पिह fa [ 'स्पृह ] स्पृहावाला | फंद वि[ स्पन्द ] चलायमान | प्फल, फल वि. सार्थक | 'ब्बल वि[°बल] बलवान् । 'भल देखो फल | 'मण वि [ 'मनस्] | मणक्ख वि [ मनस्क ] मनवाला, विवेक-बुद्धिवाला | समान मनवाला, राग-द्वेष आदि से रहित । 'मवि [मद] मद युक्त | महिड्डिअ वि [महद्धिक] महान् वैभववाला । मिरि ईअ, मिरीय वि [° मरीचिक] किरणयुक्त | 'मेर वि [' मर्याद] मर्यादा युक्त |
● यह वि [ तृष्ण ] तृष्णा-युक्त | "याण समज्झिअ } पड़ोसी ।
वि [ 'ज्ञान] सयाना, जानकार । 'योगि वि [ 'योगिन् ] व्यापार-युक्त, योगवाला । न. तेरहवाँ गुण-स्थानक | रय वि [रत ] कामी । रहस वि [भस] वेग-युक्त, उतावला । 'राग वि. राग सहित ।
इज्झि । अडिआ देखो सगडिआ । सअढ पुं [दे] लम्बा केश
सअढ पुं [ शकट] दैत्य-विशेष । पुंन. गाड़ी । रिपुं [र] नरसिंह, श्रीकृष्ण । देखो
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'रागसंजत, रागसंजय वि [' रागसंयत ] वह साधु जिसका राग क्षीण न हुआ हो । रूव वि[रूप] समान रूपवाला । 'लूण वि [लवण] लावण्य-युक्त लोग वि [लोक ] समान | लोण देखो 'लूण | स्त्री. लोणी । 'वक्ख देखो 'पक्ख । 'वण वि ['व्रण] घाववाला । वयवि ['वयस् ] समान उम्रवाला | वय वि [ व्रत] व्रती । वायवि [पाद] सवा | 'वाय वि ['वाद ] वाद सहित । वास वि. समान वासवाला, एक देश का रहनेवाला । "विज्ज वि [विद्य] विद्यावान् । व्वण देखो 'वण । व्ववेक्ख वि [ व्यपेक्ष] दूसरे की परवाह रखनेवाला, सापेक्ष | 'व्वाव वि [ व्याप] व्याप्ति-युक्त | व्यापक । 'व्विवर वि [ "विवर] विवरणयुक्त, सविस्तर । संक वि ['शङ्क]। ● संकिअ वि [ शङ्कित ] शंका- युक्त | सत्ता स्त्री [सत्त्वा ] सगर्भा । सिरिय, सिरीय वि [श्रीक] शोभा-युक्त | सिंह वि [स्पृह] स्पृहावाला | "सिह वि [शिख] शिखा युक्त । "सूग वि [ "शूक ] सेस व [शेष ] सावशेष | सहित | सोग, सोगिल्ल वि [ 'शोक ] दिलगीर, शोक-युक्त । सिरिअ, सिरीअ देखो 'सिरिय |
दयालु |
शेषनाग -
अस [स्वद्] प्रीति करना । चखना । सअ न [सदस्] सभा |
सअअ न [ दे] शिला । वि . घूर्णित | अक्खगत्त पुं [दे] कितव, जुआरी । सअज्जिअ पुंस्त्री [दे] प्रातिवेश्मिक,
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