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मुणि-मुमुक्खु
साधु, ऋषि यति । अगस्त्य ऋषि । सात की संख्या । छन्द-विशेष । 'चंद [ चन्द्र ] जैन आचार्य और ग्रंथकार, वादी देवसूरि के गुरु | एक राज - पुत्र | नाह पुं [नाथ ] साधुओं का नायक । पुंगव पुं [ पुङ्गव ] श्रेष्ठ-मुनि । राय पुं [° राज] । 'वइ पुं [पति ] मुनि-नायक । 'वर पुं. । 'वैजयंत पुं [वैजयन्त ] | 'सीह पुं [°सिंह]श्रेष्ठ मुनि । सुव्वय पुं [सुव्रत ] | वर्तमान काल के भारतवर्ष के बीसवें तीर्थंकर । भारतवर्ष के भावी तीर्थंकर । णि पुं [दे. मुनि] अगस्ति-दुम |
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संकीर्ण और मध्य में विशाल | छोटा कोठा । मुत्थ त्रि [ मुस्त ] मोथा, नागरमोथा । मुदग्ग देखो मुअग्ग |
मुदा स्त्री [मुद्] खुशी | °गर वि [°कर ] हर्षजनक |
मुणिअवि [दे. मुणिक] ग्रह-गृहीत, पागल । दिपुं [ मुनीन्द्र ] श्रेष्ठ मुनि । मुणीस पुं [ मुनीश ] मुनि-नायक । मुणीसर) [मुनीश्वर ] |
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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
मुत्त सक [ मूत्रय् ] पेशाब करना ।
मुत्त देखो मुक्क = मुक्त | ालय पुंस्त्री. मुक्त जीवों की ईषत्प्राग्भारा पृथिवी ।
मुक्तास्त्र [ मुक्ता ] मोती । 'जाल न. मुक्तासमूह या माला | दाम न[ दामन] मोतियों की माला । वलि, वली स्त्री. मोती का हार । तप, द्वीप या समुद्र - विशेष । सुत्ति स्त्री [शुक्ति ] मोती की सीप । मुद्रा - विशेष । 'हल न [° फल] मोती । 'हलिल्ल वि [°फलवत्] मोतीवाला ।
मुद्दंग पुं [दे] उत्सव | सम्मान |
मुद्दग पुं [मुद्रिका] अँगूठी ।
मुणीसिम (अप) पुंन [ मनुष्यत्व ] मनुष्यपन । मुद्दा स्त्री [मुद्रा ] मोहर, छाप । अँगूठी | अंगपुरुषार्थ ।
विन्यास - विशेष |
मुत्ति स्त्री [ मूर्ति ] रूप, आकार । प्रतिबिम्ब, प्रतिमा, शरीर । काठिन्य । 'मंत वि[ मत्] मूर्तिवाला, मूर्त रूपी । मुत्ति स्त्री [ मुक्ति ] मोक्ष ! निर्लोभता, संतोष ।
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ईषत्प्राग्भारा पृथ्वी । निस्संगता | मुत्ति वि [ मूत्रिन्] बहु-मूत्र रोगवाला । मुत्तिवि [मौक्तिन्] मोती पिरोने या गूंथने
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वाला ।
मुत्तिअ न [ मौक्तिक ] देखो मोत्तिअ । मुत्तोली स्त्री [दे] मूत्राशय । ऊपर नीचे
मुद्दि
मुवि [मूर्त ] मूर्तिवाला, रूपवाला, आकार
स्त्री 'बंध पुं
मुद्दआ
वाला । कठिन । मूढ़ । मूर्च्छा युक्त | एक मुद्दिआ स्त्री [ मृद्वीका ] दाख,
उपवास । एक प्राण ।
मुत्त° देखो मुत्ता ।
दुग [] ग्राह-विशेष | जल-जन्तु-जाति । मुद्द क [मुद्रय् ] मोहर लगाना । बन्द करना । अंकन करना ।
मुद्दिअ वि [मुद्रित] जिस पर मोहर लगाई गई हो वह । बंद किया हुआ ।
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[ मुद्रिका ] अँगूठी |
[' बन्ध] ग्रन्थि - बन्ध ।
उसकी लता ।
मुद्दी स्त्री [दे] चुम्बन । मुय देखो मुदुग ।
मुद्ध देखो मुंढ । न वि [°न्य] मस्तक में उत्पन्न । मस्तक-स्थ, अग्रेसर | मूर्धस्थानीय रकार आदि वर्ण । पुं [ज] केश | 'सूल न ['शूल ] मस्तक- पीड़ा | [] मूढ़ | सुन्दर, मोह-जनक | मुद्धा स्त्री [ मुग्धा ] नायिका का एक भेद, काम - चेष्टा-रहित अंकुरित यौवना । मुद्धा (अप) देखो मुहा | मुद्राण देखो मुंढ ।
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मुब्भपुं [दे] घर के ऊपर का तिर्यक् काष्ठ । मुमुक्खुवि [ मुमुक्षु ] मुक्ति की चाह वाला |
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