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बलकार-बहरिय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष बलकार ! पुं [बलात्कार] जबरदस्ती।। न [°कर्मन्] पूजा की क्रिया । नैवेद्य की बलक्कार।
क्रिया । °चंचा स्त्री [°चञ्चा] बलीन्द्र की बलद्द पुं [दे] बैल ।
राजधानी । 'मुह पुं [°मुख] कपि । 'यम्म बलमडा स्त्री [दे] बलात्कार, जबरदस्ती।
देखो कम्म । बलमोडि देखो बलामोडि।
बलि वि [बलिन्] बलवान् । पुं. रामचन्द्र का बलय पुं [दे] बैल।
एक सुभट । बलया देखो बलाया।
बलिअ वि [दे] पीन, मांसल, स्थूल, मोटा। बलवट्टि स्त्री [दे] सखी। व्यायाम को सहन ।
क्रिवि. गाढ़, बाढ़, अतिशय, अत्यर्थ । करनेवाली स्त्री।
बलिअ वि [बलिन्, बलिक] बलवान्, सबल, बलहट्ट्या स्त्री [दे] चने की रोटी।
पराक्रमी । प्राणवाला। बला अ. स्त्री [बलात्] जबरदस्ती, बलिअ वि [बलित] जिसको बल उत्पन्न हुआ बलात्कार ।
हो, सबल । पुं. छन्द-विशेष । बला स्त्री[बला]मनुष्य की दस दशाओं में चौथी | बलि
बलिअंक पुं [बलिताङ्क छन्द-विशेष । अवस्था, तीस से चालीस वर्ष तक को अवस्था ।
बलिआ स्त्री [दे. बलिका] सूर्प, सूप । योग की एक दृष्टि । भगवान् कुन्थुनाथ की
बलिट्ठ वि [बलिष्ठ] बलवान् । शासन-देवी, अच्युता।
बलिद्द पुं [दे. बलीवर्द] वृषभ । बलाका देखो बलाया।
बलिमड्डा स्त्री [दे] बलात्कार । बलाणय न [दे] उद्यान में बैठने के लिए
बलिवद्द देखो बलीवद्द। बनाया जाता बेंच आदि । दरवाजा ।
बलिस न [वडिश] मछली पकड़ने का काँटा । बलामोडि स्त्री [दे. बलामोटि] बलात्कार ।
बलिस्सह पुं [बलिस्सह] आर्य महागिरि का बलामोडिअ अ [दे. बलादामोट्य] बलात्कार एक शिष्य । से, जबरदस्ती से।
बलीअ वि [ बलीयस् ] अधिक बलवाला । बलामोलि देखो बलामोडि ।
बलीवद्द पुं [बलीवर्द] बैल । बलाया स्त्री [बलाका] बक की एक जाति ।
बलुल्लड (अप) देखो बल = बल । बलाहग पुं [बलाहक] मेघ ।
बले अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय-निश्चय, बलाहगा देखो बलाहया।
निर्णय । निर्धारण । बलाहय देखो बलाहग।
बल्ल न [बाल्य शिशुता। बलाहया स्त्री [बलाहका] बक-विशेष । अनेक बव सक [बू] बोलना, कहना । देखो बुव, बू । दिक्कुमारी देवियों का नाम ।
बव न. ज्योतिष प्रसिद्ध एक करण । बलि पुं. असुर कुमारों का उत्तर दिशा का बव्वाड पुं [दे] दक्षिण हस्त । इन्द्र । एक राजा । सातवाँ प्रतिवासुदेव । बहड वि [बृहत्] बड़ा, महान् । °इच्च न एक दानव । पुंस्त्री. उपहार। पूजोपहार, [°ादित्य] नगर-विशेष । नैवेद्य । भूत आदि को दिया जाता भोग । बहत्तरी देखो बाहत्तरि। बलिदान । पूजा, अर्चा, सपर्या । राज-पाह्य
बहप्पइ । देखो बहस्सइ । भाग । चामर का दण्ड । उपप्लव । छन्द- बहप्फइ। विशेष । °उट्ठ पुं [ पुष्ट] कौआ । °कम्म | बहरिय देखो बहिरिय।
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