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पूअ-पूल संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
५९५ पूअ पुं [पूग] सुपारी का गाछ । न. सुपारी । | पूइय वि [पूतिक] अपवित्र, दूषित । दुर्गन्धी । देखो पूग । 'प्फली, °फली स्त्री ['फली] | पूति नामक भिक्षा-दोष से युक्त । सुपारी का पेड़।
पूइय देखो पोइय = (दे)। पूअ न [पूर्त] तालाब, कुआँ आदि खुदवाना, । पंडरिअ न [दे] कार्य, काम, प्रयोजन । अन्न-दान करना, देव मन्दिर बनाना आदि | पूग पुं. समूह । देखो पूअ = पूग । जन-समूह के हित का कार्य ।
पूगी स्त्री. सुपारी का पेड़ । °फल न. सुपारी, पूअ वि [पूत] पवित्र । न. लगातार छः दिनों कसैली।
का उपवास । वि. सूप आदि से साफ किया | पूज देखो पूअ = पूजय । हुआ । छाना हुआ।
पूजग देखो पूअय। पूअ न [पूय] पीब, दुर्गन्ध रक्त ।
पूजा देखो पूआ = पूजा । पूअणा । स्त्री [पूतना] दुष्ट व्यन्तरी, पूण पुं [दे] हाथी। पूअणी J डाकिनी । भेड़ी।
पूणिआ ) स्त्री [दे] रुई की पूणी । पूअय वि [पूजक] पूजा करनेवाला ।
पूणी । पूअर देखो पोर = पूतर ।
पूप देखो पूअल। पूअल । पुं [पूप] पूआ, खाद्य-विशेष । पूयइ पुं [पूपकिन्] हलवाई। पूअलिया । स्त्री [पूपिका] ।
पूयली स्त्री [दे] रोटी। पूआ स्त्री [दे] पिशाच-गृहीता, भूताविष्ट | पूयावणा स्त्री [पूजना] पूजा करना। स्त्री।
पूर सक [पूरय] पूर्ति करना, भरना । पूआ स्त्री [पूजा] पूजन, सेवा । °भत्त न | पूर पुं. जल-समूह जल-धारा । खाद्य विशेष । [°भक्त] पूज्य के लिए निष्पादित भोजन ।। वि. पूर्ण ।।
मह पुं. पूजोत्सव । °रह पुं [ रथ] राक्षस- पूरइत्तअ (शौ) वि [पूरयितु] पूर्ण करनेवंश में उत्पन्न एक राजा, लंका-पति । 'रिह, | वाला। रुह वि [ह] पूजा-योग्य ।
पूरंतिया स्त्री [पूरयन्तिका] राजा की एक पूआहिज्ज वि [पूजाहार्य] पूजित-पूजक । परिषत्-परिवार । पूइ वि [पूति] दुर्गन्धी । अपवित्र । भिक्षा का | पूरग वि [पूरक] पूत्ति करनेवाला। दोष, पूति-कर्म । नासिका-रोग, नासा-कोथ । | | पूरण न [पूरण] शूर्प, सूप । पीब । एकास्थिक वृक्ष की एक जाति । पूरण न. पूर्ति । पालन । पुं. यदुवंश के राजा °कम्म पुन ["कर्मन्] मुनि-भिक्षा का दोष, अन्धकवृष्णि का पुत्र । एक गृह-पति । वि. पवित्र वस्तु में अपवित्र वस्तु मिलाकर दी | पूर्ति करनेवाला । जाती भिक्षा का ग्रहण । “म वि [°मत्] | पूरय देखो पूरग । दुर्गन्धी । अपवित्र ।
पूरिगा स्त्री [पूरिका] मोटा कपड़ा। पूइ वि [पूति] सड़ा हुआ। °पिन्नाग पुन | पूरिम वि [पूरिम भरने से होनेवाला । [°पिण्याक] सरसों की खली।
पूरिमा स्त्री. गान्धार ग्राम की एक मूर्च्छना । पूइआलुग न [दे. पूत्यालुक] जल में होनेवाली पूरी स्त्री. तन्तुवाय का उपकरण ।। वनस्पति-विशेष ।
पूरोट्टी स्त्री [दे] अवकर, कतवार, कूड़ा। पूइम वि [पूज्य] पूजा-योग्य, सम्माननीय । | पूल पुंन. पूला, घास की अँटिया ।
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