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पवट्टय-पवह
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष । पवट्टय वि [प्रवर्तक] प्रवत्ति करानेवाला। करण। पवट्टि स्त्री [प्रवृत्ति] प्रवर्तन ।
पवद देखो पवय = प्र+वद् । पवट्ठ देखो पउट्ठ = प्रकोष्ठ ।
पवदि स्त्री [प्रवृति] ढकना, आच्छादन । पवड अक [प्र+पत्] पड़ना, गिरना । पवद्ध देखो पवड्ढ = प्र + वृध् । पवडण न [प्रपतन] अधःपात ।
पवद्ध पुं [दे] धन, हथौड़ा। पवड्ढ अक [दे] पोढ़ना, सोना ।
पवन्न वि [प्रपन्न] अंगीकृत । पवड्ढ अक [प्र+वृध्] बढ़ना ।
पवमाण पुं [पवमान] पवन । पवड्ढ वि [प्रवृद्ध] बढ़ा हुआ ।
पवय सक [प्र+वद्] बकवाद करना । वादपवण वि [प्रवण] तत्पर ।
विवाद करना। पवण न [प्लवन] उछल कर गमन । तरण । | पवय सक [प्र + वच्] बोलना, कहना। °किच्च पुं[कृत्य] नाव, डोंगी।
पवय देखों पवक = प्लवक । पवण पुं [पवन] वायु । भवनपति देवों की
| पवय पुं [प्लवग] वानर । वइ पुं [°पति] एक अवान्तर जाति, पवनकुमार । हनूमान् का
वानरों का राजा सुग्रीव । °ाहिव पुं[धिप] पिता । °गइ पु[गति] हनूमान् का पिता ।
वही पूर्वोक्त अर्थ । वानरद्वीप के राजा मन्दर का पुत्र । °चंड
पवयण पुं [प्राजन] कोड़ा, चाबुक । पुं[°चण्ड] व्यक्ति-वाचक नाम । °तणअ पुं
पवयण न [प्रवचन] जिनदेव-प्रणीत सिद्धान्त,
जैन शास्त्र । जैन संघ । आगम-ज्ञान । माया [तनय] हनूमान् । °नंदण पुं [नन्दन]
स्त्री [°माता] पाँच समिति और तीन गुप्ति हनूमान् । 'पुत्त पुं[पुत्र हनूमान् । °वेग
रूप धर्म। पुं. हनूमान् का पिता । एक जैन मुनि । 'सुअ
पवर वि [प्रवर] श्रेष्ठ, उत्तम । पुं [°सुत] हनूमान् । °गणंद पुं [°नन्द]
पवरंग न[दे. प्रवराङ्ग] मस्तक । हनूमान् ।
पवरपुंडरीय पुंन [प्रवरपुण्डरीक] एक देवपवणंजअ पुं [पवनञ्जय] हनूमान् का पिता।
विमान। एक श्रेष्ठि-पुत्र ।
पवरा स्त्री [प्रवरा] भगवान् वासुपूज्य की पवत्त देखो पवट्ट = प्र+वत् ।
शासनदेवी। पवत्त सक [प्र+वर्त्तय] प्रवृत्त करना। प्रवत्त देखो पवट्ट = प्रवृत्त ।
पवरिस सक [प्र + वृष्] बरसना ।
पवल देखो पबल। पवत्तग वि [प्रवर्तक] प्रवृत्ति करानेवाला ।। पवत्तण न [प्रवर्तन] प्रवृत्ति । वि. प्रवृत्ति
पवस अक [प्र+वस्] प्रयाण करना, विदेश करानेवाला।
जाना। पवत्तय वि [प्रवर्तक] प्रवृत्ति करनेवाला। पवह अक [प्र+वह ] बहना । सक. टपकना, वि. प्रवृत्त करानेवाला।
झरना। पवत्ति स्त्री [प्रवृत्ति प्रवर्तन । 'वाउय वि पवह सक [प्र + हन्] मार डालना।
[°व्याप्त] प्रवृत्ति में लगा हुआ । पवह वि [प्रवह] बहनेवाला । टपकनेवाला, पवत्तिणी स्त्री [प्रत्तिनी] साध्वियों की | चूनेवाला । अध्यक्षा, मुख्य जैन साध्वी।
| पवह पुं [प्रवाह] स्रोत, बहाव, जल-धारा । पवत्तिया स्त्री [दे] संन्यासी का एक उप- प्रवृत्ति । व्यवहार । उत्तम अश्व । प्रभाव ।
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