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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष परमाहम्मिय-पराण मुक्ति । संयम, चारित्र । पुन. देखो नीचे 'त्थ | परवाय वि [प्रारवाय] श्रेष्ठ गाना गाने= °ार्थ । त्थ न [Tर्थ] तत्त्व, सत्य । देखो वाला । पुं. उत्तम गवैया । "ट्ट। 'त्थ न स्त्र] सर्वोत्तम हथियार, परवाय पुं [प्ररपाज] वह घर जहाँ अनाज अमोघ अस्त्र । ° 'सि वि [°दर्शिन्] । मोक्ष- संगृहीत किया जाता है, कोठार, बखार । मार्ग का जानकार । न्न न. खीर, दुग्ध-प्रधान परवाया स्त्री [प्ररवाप्] पहाड़ी नदी। मिष्ट भोजन । एक दिन का उपवास | °पय परस (अप) देखो फास = स्पर्श । 'मणि पुं. न [ °पद ] मोक्ष । °प्प पुं [ °ात्मन् ] रत्न-विशेष जिसके स्पर्श से लोहा सुवर्ण होता सर्वोत्तम आत्मा, परमेश्वर । °प्पय देखो है । °पय। 'प्पय देखो °प। 'प्पया परसण्ण (अप) देखो पसण्ण । स्त्री [°ात्मता] मुक्ति । °बोधिसत्त पुं परसु पुं [परशु] अस्त्र-विशेष, कुठार, [°बोधिसत्त्व] अर्हन् देव का परम भक्त । कुल्हाड़ी । राम पु. जमदग्नि ऋषि का पुत्र °संखिज्ज न [°संख्येय] संख्या-विशेष । जिसने इक्कीस बार निःक्षत्रिय पृथिवी °सोमणस्सिय वि [°सौमनस्थित] सर्वोत्तम | की थी। मनवाला, सन्तुष्ट मनवाला । "सोमणस्सिय | परसुहत्त पुं [दे] वृक्ष, दरख्त । वि [°सौमनस्यिक] वही अर्थ । हेला स्त्री परस्सर पुंस्त्री [दे. पराशर] गेंडा, पशुउत्कृष्ट तिरस्कार । उ न [°ायुस्] लम्बा विशेष । आयुष्य । जीवित काल । ‘णु पुं. सर्व-सूक्ष्म | परहुत्त वि [पराभूत पराजित । वस्तु । °ाहम्मिय [°आधार्मिक] असुर-विशेष,
परा अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय-सम्मुखता । नारक जीवों को दुःख देनेवाले देवों की एक
त्याग । धर्षण । प्राधान्य । विक्रम । गति । जाति । होहिअ वि [°धिोवधिक] अवधि
भङ्ग । अनादर । तिरस्कार । प्रत्यावर्तन । ज्ञान-विशेषवाला।
अत्यन्त । परमाहम्मिय वि [परमधार्मिक] सुख का
परा स्त्री [दे. परा] तृण-विशेष । अभिलाषी।
पराइ सक [परा + जि] हराना। परमिट्ठि पुं [परमेष्ठिन्] ब्रह्मा । अर्हन्, सिद्ध,
पराइअ वि [पराजित] पराभव-प्राप्त । आचार्य, उपाध्याय और मुनि ।
पराइअ (अप) वि [परागत] गया हुआ । परमुक्क वि [परामुक्त] परित्यक्त ।
पराइण देखो पराजिण । परमुवगारि ! वि [परमोपकारिन्] बड़ा
पराई स्त्री [परकीया] वह नायिका जो परपरमुवयारि , उपकार करनेवाला।
पुरुष से प्रेम करे । देखो पराय = परकीय । परमुह देखो परम्मुह। परमेट्टि देखो परमिटि।
पराकम देखो परक्कम । परमेसर पुं [परमेश्वर] सर्वेश्वर्य-सम्पन्न ।
पराकय वि [पराकृत] निरस्त । परम्मुह पुं [पराङ्मुख] विमुख, उदासीन । ।
| परोकर सक [परा + कृ] निराकरण करना । परय न [परक] आधिक्य, अतिशय । पराजय पुं [पराजय] अभिभव । परलोइअ वि [पारलौकिक] जन्मान्तर- पराजय | सक [परा +जि] पराजय सम्बन्धी।
पराजिण ) करना, हराना। परवाय वि [प्ररवाज] प्रकृष्ट शब्द से प्रेरणा | पराजिय देखो पराइअ = पराजित । करनेवाला । पुं. सारथि ।
| पराण देखो पाण - प्राण ।
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