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पत्त-पत्तिसमिद्ध
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष कागज । °च्छेन्ज न [°च्छेद्य] कला-विशेष । } में की जाती रचना-विशेष ।
मंत वि [°वत्] पत्रवाला । °रह पुं| पत्तणा स्त्री प्रापणा] प्राप्ति । [°रथ] पक्षी । लेहा स्त्री[°लेखा] चन्दनादि | पत्तपसाइआ स्त्री [दे] पत्तियों की एक तरह से पत्र के आकृतिवाली रचना-विशेष, भूषा का | की पगड़ी, जिसे भील लोग पहनते हैं। एक प्रकार । °वल्ली स्त्री. पत्रवाली लता। | पत्तपिसालस न [दे] ऊपर देखो। मुंह पर चन्दन आदि से की जाती पत्र श्रेणी- पत्तय न [पत्रक] एक प्रकार का गेय । तुल्य रचना । विंटन [°वन्त] पत्र का | पत्तरक न [दे. प्रतरक] आभूषण-विशेष । बन्धन । विटिय वि [वृन्तक, वृन्तीय] | पत्तल वि [दे] तीक्ष्ण, तेज । पतला । पत्र वृन्त में उत्पन्न होता एक प्रकार का | पत्तल वि[पत्रल]बहुत पत्तीवाला । पक्ष्मवाला । श्रीन्द्रिय जन्तु । विच्छ्य [वृश्चिक]एक तरह | पत्तल न [पत्र] पर्ण । का वृश्चिक, चतुरिन्द्रिय जीवों की एक जाति । पत्तली स्त्री [दे] एक प्रकार का राज-देय । °वेंट देखो विट । °सगडिआ स्त्रीशक- पत्तहारय वि [पत्रहारक] पत्तों को बेचने का टिका] पत्तों से भरी हई गाडी । °समिद्ध वि | काम करनेवाला । [समृद्ध] प्रभूत पत्तेवाला ।हार पुं. त्रीन्द्रिय | पत्ताण सक [दे। पताना, मिटाना । जन्तु-विशेष । हार पं. पत्ती पर निर्वाह पत्तामोड पुंन [आमोटपत्र] तोड़ा हुआ पत्र । करनेवाला वानप्रस्थ ।
पत्ति स्त्री [प्राप्ति लाभ । पत्त न [पात्र] भाजन । आधार, आश्रय, | पत्ति पुं. सेना-विशेष, जिसमें एक रथ, एक स्थान । दान देने योग्य गुणी लोक । लगातार हाथी, तीन घोड़े और पांच पैदल हों । पैदल बत्तीस उपवास । °बंध [°बन्ध] पात्रों चलनेवाली सेना । को बाँधने का कपड़ा । देखो पाय = पात्र । पत्ति । सक [प्रति + इ जानना । पत्त वि [प्रात्त] प्रसारित ।
पत्तिअ । विश्वास करना । आश्रय करना । पत्तइअ वि प्रत्ययित] विश्वस्त । | पत्तिअ वि [पत्रित] जिसमें पत्र उत्पन्न हुए हों पत्तइअ वि [पत्रकित] अल्प पत्रवाला । कुत्सित | वह। पत्रवाला।
पत्तिअ वि [प्रतीति, प्रत्ययित] प्रतीतिवाला, पत्तउर पुं [दे] वनस्पति-विशेष, एक प्रकार का विश्वस्त । गाछ ।
पत्तिअ न [प्रीतिक] प्रोति, स्नेह । पत्तच्छेज न [पत्रच्छेद्य] बाण से पत्ती बेधने | पत्तिअ पुन [प्रत्यय] विश्वास । की कला। नक्काशी का काम, खोदने का | पत्तिअ न [पत्रिक] म कत-पत्र । काम ।
पत्तिआ स्त्री [पत्रिका] पर्ण । पत्तट्ट वि [दे. प्राप्तार्थ] बहु-शिक्षित, विद्वान्, | | पत्तिआअ देखो पत्तिअ = प्रति + इ । अति कुशल ।
पत्तिआव सक [प्रति + आयय ] विश्वास पत्तट्ठ वि [दे] मनोहर ।
कराना, प्रतीति कराना। पत्तण देखो पट्टण।
पत्तिग देखो पत्तिअ = प्रीतिक । पत्तण न [दे. पत्त्रण] बाण का फलक । पुंख, पत्तिज देखो पत्तिअ = प्रति + इ । बाण का मूल भाग ।
| पत्तिज्जाव देखो पत्तिआव । पत्तणा स्त्री [दे. पत्त्रणा] ऊपर देखो। पुंख | पत्तिसमिद्ध वि [दे] तीक्ष्ण ।
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