________________
पडिसिविणअ-पडिहत्थ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
५२३ पडिसिविणअपुं [प्रतिस्वप्नक] स्वप्न का पडिसेवग देखो पडिसेवय । प्रतिकूल स्वप्न ।
पडिसेवय वि [प्रतिषेवक] प्रतिकूल सेवा पडिसीसअ ) न [प्रतिशीर्षक] शिरोवेष्टन । करनेवाला, निषिद्ध वस्तु का सेवन करनेवाला । पडिसीसक , सिर के प्रतिरूप सिर, पिसान पडिसेवि वि [प्रतिषेविन्] शास्त्र-प्रतिषिद्ध (आटा) आदि का बनाया हुआ सिर । वस्तु का सेवन करनेवाला । पडिसुइ { [प्रतिश्रुति] ऐरवत वर्ष के एक पडिसेवेत्तु वि [प्रतिषेवित] प्रतिषिद्ध वस्तु भावी कुलकर । भरतक्षेत्र में उत्पन्न एक कुल- की सेवा करनेवाला । कर पुरुष का नाम ।
पडिसेह सक [प्रति + सिध्] निषेध करना, पडिसुण सक [प्रति +] प्रतिज्ञा करना। निवारण करना। स्वीकार करना ।
पडिसेह [प्रतिषेध] निषेध, निवारण । पडिसुणण स्त्रीन [प्रतिश्रवण] सुनाना, | पडिसेहग वि [प्रतिषेधक] निषेध-कर्ता ।
सुनकर उसका जवाब देना, प्रत्युत्तर । श्रवण । पडिसोअ । पुं [प्रतिस्रोतस्] उलटा प्रवाह । पडिसुणणा स्त्री [प्रतिश्रवण] अंगीकार, | पडिसोत्त स्वीकार । मुनि-भिक्षा का एक दोष, आधा- | पडिसोत्त वि [दे] प्रतिकूल । कर्म-दोषवाली भिक्षा लाने पर उसका स्वीकार | पहिस्संत देखो परिस्संत। . और अनुमोदन ।
पडिस्संति स्त्री [परिश्रान्ति परिश्रम । पडिसुण्ण वि [प्रतिशून्य] खाली । पडिस्सय पुं [प्रतिश्रय] जैन साधुओं को रहने पडिसुत्ति वि [दे] प्रतिकूल ।
का स्थान, उपाश्रय । पडिसुद्ध वि [परिशुद्ध] अत्यन्त शुद्ध । पडिस्सर देखो पडिसर । पडिसुय वि[प्रतिश्रुत] अंगीकृत । न. स्वीकार । | पडिस्साव सक [प्रति +श्रावय] प्रतिज्ञा देखो पडिस्स्य ।
कराना । स्वीकार कराना। पडिसुया देखो पडंसुआ = प्रतिश्रुत ।
पडिस्सावि वि [प्रतिस्राविन्] झरनेवाला, पडिसुया स्त्री [प्रतिश्रुता] प्रवज्या-विशेष, | टपकनेवाला । एक प्रकार की दीक्षा।
| पडिस्सुण सक [प्रति + श्रु] सुनना । अंगीकार पडिसुहड पुं [प्रतिसुभट] प्रतिपक्षी योद्धा। करना। पडिसूयग पुं [प्रतिसूचक नगर-द्वार पर पडिस्सुय वि [प्रतिश्रुत] प्रतिज्ञात । स्वीकृत । रहनेवाला जासूस ।
देखो पडिसुय । पडिसूर वि [दे] प्रतिकूल ।
पडिस्सुया देखो पडंसुआ। पडिसूर पुं [प्रतिसूर्य] सूर्य के सामने देखा पडिस्सुया देखो पडिसुया = प्रतिश्रुता । जाता उत्पातादि-सूचक द्वितीय सर्य। इन्द्र- पडिहच्छ वि [दे पूर्ण । देखो पडिहत्थ । धनुष ।
पडिहटु अ [प्रतिहृत्य] अर्पण करके । पडिसेग पुं [प्रतिषेक] नख के नीचे का भाग । पडिहड पुं [प्रतिभट] प्रतिपक्षी योद्धा । पडिसेज्जा स्त्री [प्रतिशय्या] उत्तर-शय्या । पडिहण सक [प्रति + हन्] प्रतिघात करना, पडिसेव सक [प्रति + सेव] प्रतिकूल सेवा प्रतिहिंसा करना। करना, निषिद्ध वस्तु की सेवा करना । सहन | पडिहणिय देखो पडिभणिय । करना । सेवा करना ।
। पडिहत्थ वि [दे] पूर्ण, भरा हुआ । प्रतिक्रिया,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org