SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 444
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तविह ताइअ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ४२५ । तहि । में स्थित । | तहं देखो तह = तथा । तव्विह वि [तद्विध] उसी प्रकार का । | तहरी स्त्री [दे] पङ्कवाली सुरा। तस अक [त्रस्] डरना, त्रास पाना। स्पर्श- | तहल्लिआ स्त्री [दे] गोशाला।। इन्द्रिय से अधिक इन्द्रियवाला जीव, द्वीन्द्रिय | तहा देखो तह = तथा । °गय पुं [°गत] आदि प्राणी। एक स्थान से दूसरे स्थान में | मुक्त आत्मा । सर्वज्ञ । 'भूय वि [°भूत] उस जाने-आने की शक्तिवाला प्राणी । 'काइय पुं| प्रकार का। प्रूव वि [°रूप] उस प्रकार [°कायिक] जंगम प्राणी, द्वीन्द्रियादि जीव । । का। वि वि [वित्] निपुण, पुं. सर्वज्ञ । काय पुं.त्रस-समूह । जङ्गम प्राणी । णाम न हि अ. वह इस प्रकार । [°नामन्] कर्म-विशेष, जिसके प्रभाव से जीव | तहि देखो तह = तथा । त्रसकाय में उत्पन्न होता है । रेणु पुं. बत्तीस | तहिं । [तत्र] वहाँ, उसमें । हजार सात सौ अड़सठ परमाणुओं का एक | परिमाण । वाइया स्त्री [°पादिका] तहिय वि [तथ्य] सत्य, वास्तविक । त्रीन्द्रिय जन्तु-विशेष । तहियं अ [तत्र] वहाँ, उसमें । तसण न [त्रसन] स्पन्दन, चलन, हिलन । तहेय , अ [तथैव] उसी तरह, उसी प्रकार । तहेव । पलायन । तसनाडी स्त्री [त्रसनाडी] त्रस जीवों के रहने ता अ [तद्] उससे, उस कारण से । का प्रदेश, जो ऊपर-नीचे मिलाकर चौदह ता देखो ताव - तावत् । रज्जू परिमित है। ता अतिदा] उस समय । तसर देखो टसर। ता अ [तहि] तो, तब । तसिअ वि [दे] शुष्क, सूखा । ता स्त्री. लक्ष्मी। तसिअ वि [तषित] पिपासित । ता स [तद्] वह । °गंध पुं [°गन्ध] उसका तसेयर वि [त्रसेतर] एकेन्द्रिय जीव, स्थावर गन्ध । उसके गन्ध के समान गन्ध । °फास पुं प्राणी। [°स्पर्श] उसका स्पर्श । वैसा स्पर्श । रस तह अ [तथा] उसी तरह । और, तथा । पाद- | पुं. वह स्पर्श । वैसा स्पर्श । °रूव न [रूप] वैसा रूप । पूर्ति में प्रयुक्त किया जाता अव्यय । °क्कार पुं वो ताव:ताप । [°कार] 'तथा' शब्द उच्चारण । °णाण वि. | पिता। पुत्र। [°ज्ञान] प्रश्न के उत्तर को जाननेवाला । न. सत्य ज्ञान । °त्ति अ [इति] स्वीकार- ताअ सक [२] रक्षण करना। द्योतक अव्यय । °य अ [°च] उक्त अर्थ की | ताअप्प न [तादात्म्य] तद्रूपता, अभेद, अभिदृढ़ता-सूचक अव्यय । वि अ [°पि] तो भी ।। न्नता । °विह वि [°विध] उस प्रकार का । देखो | ताइ वि [त्यागिन्] त्याग करनेवाला । तहा। ताइ वि [तायिन्] रक्षक, परिपालक । तह वि [तथ्य] तथ्य, सत्य । ताइ वि [तापिन्] ताप-युक्त। तह पुं [तथ] आज्ञाकारक, दास । ताइ वि [त्रायिन्] रक्षक । मुनि, साधु । तह । न [तथ्य] स्वभाव, स्वरूप । सत्य | ताइ वि [तायिन्] उपकारी। तहीय , वचन । | ताइअ वि [त्रात] रक्षित । वह रूप ताते ५४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy