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तविह ताइअ
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
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तहि ।
में स्थित ।
| तहं देखो तह = तथा । तव्विह वि [तद्विध] उसी प्रकार का । | तहरी स्त्री [दे] पङ्कवाली सुरा। तस अक [त्रस्] डरना, त्रास पाना। स्पर्श- | तहल्लिआ स्त्री [दे] गोशाला।। इन्द्रिय से अधिक इन्द्रियवाला जीव, द्वीन्द्रिय | तहा देखो तह = तथा । °गय पुं [°गत] आदि प्राणी। एक स्थान से दूसरे स्थान में | मुक्त आत्मा । सर्वज्ञ । 'भूय वि [°भूत] उस जाने-आने की शक्तिवाला प्राणी । 'काइय पुं| प्रकार का। प्रूव वि [°रूप] उस प्रकार [°कायिक] जंगम प्राणी, द्वीन्द्रियादि जीव । । का। वि वि [वित्] निपुण, पुं. सर्वज्ञ ।
काय पुं.त्रस-समूह । जङ्गम प्राणी । णाम न हि अ. वह इस प्रकार । [°नामन्] कर्म-विशेष, जिसके प्रभाव से जीव | तहि देखो तह = तथा । त्रसकाय में उत्पन्न होता है । रेणु पुं. बत्तीस | तहिं । [तत्र] वहाँ, उसमें । हजार सात सौ अड़सठ परमाणुओं का एक | परिमाण । वाइया स्त्री [°पादिका] तहिय वि [तथ्य] सत्य, वास्तविक । त्रीन्द्रिय जन्तु-विशेष ।
तहियं अ [तत्र] वहाँ, उसमें । तसण न [त्रसन] स्पन्दन, चलन, हिलन ।
तहेय , अ [तथैव] उसी तरह, उसी प्रकार ।
तहेव । पलायन । तसनाडी स्त्री [त्रसनाडी] त्रस जीवों के रहने
ता अ [तद्] उससे, उस कारण से । का प्रदेश, जो ऊपर-नीचे मिलाकर चौदह
ता देखो ताव - तावत् । रज्जू परिमित है।
ता अतिदा] उस समय । तसर देखो टसर।
ता अ [तहि] तो, तब । तसिअ वि [दे] शुष्क, सूखा ।
ता स्त्री. लक्ष्मी। तसिअ वि [तषित] पिपासित ।
ता स [तद्] वह । °गंध पुं [°गन्ध] उसका तसेयर वि [त्रसेतर] एकेन्द्रिय जीव, स्थावर
गन्ध । उसके गन्ध के समान गन्ध । °फास पुं प्राणी।
[°स्पर्श] उसका स्पर्श । वैसा स्पर्श । रस तह अ [तथा] उसी तरह । और, तथा । पाद- |
पुं. वह स्पर्श । वैसा स्पर्श । °रूव न [रूप]
वैसा रूप । पूर्ति में प्रयुक्त किया जाता अव्यय । °क्कार पुं
वो ताव:ताप । [°कार] 'तथा' शब्द उच्चारण । °णाण वि.
| पिता। पुत्र। [°ज्ञान] प्रश्न के उत्तर को जाननेवाला । न. सत्य ज्ञान । °त्ति अ [इति] स्वीकार- ताअ सक [२] रक्षण करना। द्योतक अव्यय । °य अ [°च] उक्त अर्थ की | ताअप्प न [तादात्म्य] तद्रूपता, अभेद, अभिदृढ़ता-सूचक अव्यय । वि अ [°पि] तो भी ।। न्नता । °विह वि [°विध] उस प्रकार का । देखो | ताइ वि [त्यागिन्] त्याग करनेवाला । तहा।
ताइ वि [तायिन्] रक्षक, परिपालक । तह वि [तथ्य] तथ्य, सत्य ।
ताइ वि [तापिन्] ताप-युक्त। तह पुं [तथ] आज्ञाकारक, दास ।
ताइ वि [त्रायिन्] रक्षक । मुनि, साधु । तह । न [तथ्य] स्वभाव, स्वरूप । सत्य | ताइ वि [तायिन्] उपकारी। तहीय , वचन ।
| ताइअ वि [त्रात] रक्षित ।
वह रूप
ताते
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