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णीसंकिअ-णीहार संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
४१३ णीसंकिअ देखो णिस्संकिअ।
णीसाण देखो णिस्साण = (दे)। णीसंख वि [निःसंख्य] असंख्य ।
णीसामण्ण वि [निःसामान्य] असाधारण । णीसंचार देखो णिस्संचार ।। णीसंद पुं [निःष्यन्द] रस का झरन । णीसार सक [निर्+सारय] बाहर निकाणीसंपाय वि [दे] जहाँ जनपद परिश्रान्त हुआ | लना। हो वह ।
णीसार पुं दे] मण्डप । णीसट वि [निःसृष्ट] विमुक्त । प्रदत्त । अति- | णीसार वि [निःसार] सार-रहित, फल्गु । शय, अत्यन्त ।
णीसारय वि [निःसारक] बाहर निकालने णीसण पुं [निःस्वन] आवाज, शब्द, ध्वनि । वाला। णीसणिआ। स्त्री [दे] सीढ़ी।
णीसास देखो णिस्सास। णीसणी
णीसास वि [निःश्वास,°क] निःश्वास णीसत्त वि [निःसत्त्व] सत्त्व-हीन, बल-रहित। | णीपासय लेनेवाला । णीसह वि [निःशब्द शब्द-रहित । णीसाहार देखो णिस्साहार । णीसर अक [रम्] क्रीड़ा करना, रमण णीसित्त वि [निष्षिक्त] अत्यन्त सिक्त । करना।
णीसोमिअ वि [दे] निर्वासित । णीसर अक [निर् + स] बाहर निकलना। णीसेयस देखो णिस्सेयस। णीसरण न [निःसरण] फिसलन, रपटन । | णीसेणि स्त्री [निःश्रेणि] सीढ़ी । निर्गमन ।
णीसेस देखो णिस्सेस। णीसल वि [निःशल] निश्चल, स्थिर । | णीहट्टु अ. निकाल कर । वक्रता-रहित, उत्तान, सपाट ।
णीहटु अ [नि + सृत्य] बाहर निकल कर । णीसल्ल वि [निःशल्य] शल्य-रहित । णीहड वि [निहत] निर्गत, निर्यात । णीसव सक [नि + श्रावय ] निर्जरा करना, णीहडिया स्त्री [निर्हतिका] अन्य स्थान में क्षय करना।
ले जाया जाता द्रव्य । णीसवग देखो णीसवय।
णीहम्म अक [निर् + हम्म्] निकलना । णीसवत्त वि [निःसपत्न] शत्रु-रहित, विपक्ष- | णीहर अक [निर् + स] बाहर निकलना । रहित।
णीहर अक [आ + क्रन्द्] आक्रन्द करना, णीसवय वि [निःश्रावक] निर्जरा करने
चिल्लाना। वाला।
णीहर अक [निर+हद] प्रतिध्वनि करना। णीसस अक [निर्+श्वस] नीसास लेना, णीहर सक[निर् + सारय] बाहर निकालना। श्वास को नीचा करना ।
। णीहर अक [ निर्+ह ] पाखाना जाना, णीससण न [निःश्वसन] निःश्वास ।
पुरीषोत्सर्ग करना। णीसह वि [निःसह] मन्द, अशक्त ।
| णीहरण न [निस्सरण, निर्हरण] निर्गमन, णीसह वि [निःशाख] शाखा-रहित । बाहर निकालना । परित्याग । अपनयन । णीसा स्त्री [दे] पीसने का पत्थर ।। णीहरिअ न [दे] शब्द, आवाज, ध्वनि । णीसा देखो णिस्सा।
| णीहार पुं [नीहार] हिम, तुषार । विष्ठा या णीसाइ वि [निःस्वादिन] स्वाद-रहित । । मूत्र का उत्सर्ग ।
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