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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष णीमम-णीसंक णीमम वि [निर्मम] ममत्व रहित ।
महादेव । °कणवीर पुं [करवीर] हरे णीमी देखो णीवी।
रंग के फूलोंवाला कनेर का पेड़ । °गुफा स्त्री. णीय वि [नीच] अधम, जघन्य । वि. अध- उद्यान-विशेष । °मणि पुंस्त्री. रत्न-विशेष । स्तन । गोय न [गोत्र] क्षुद्र गोत्र । कर्म- नीलम, मरकत । °लेस वि [°लेश्य] नील विशेष जो क्षुद्र जाति में जन्म होने का कारण लेश्यावाला। °लेसा स्त्री [°लेश्या] अशुभ है। वि. नीच गोत्र में उत्पन्न ।
अध्यवसाय-विशेष । लेस्स देखो °लेस। णीय वि [नीत] ले जाया गया।
'लेस्सा देखो °लेसा। °वंत पुं [°वत्] णीय देखो णिच्च - नित्य ।।
पर्वत-विशेष । द्रह-विशेष । न. शिखरणीयंगम वि [नीचंगम] नीचे जानेवाला।
विशेष । णीयंगमा स्त्री [नीचंगमा] नदी।
णील वि नील] कच्चा, आई। 'केसी स्त्री णीर न [नीर] जल । निहि पुं ["निधि] समुद्र । रुह न. कमल । °वाह पुं. मेघ ।
णीलकंठी स्त्री [दे] बाण-वृक्ष । हर पुं [°गृह] सागर । हि पुं [धि]
णीला स्त्री [नीला] लेश्या-विशेष, आत्मा का समुद्र । कर पुं. समुद्र ।।
अशुभ परिणाम । नीलवर्णवाली स्त्री। णीरंगी स्त्री [दे. नीरङ्गी] शिरोवस्त्र, चूंघट ।
णीलिअ वि [निःसृत] निर्गत । णीरंज सक [भ ] तोड़ना, भांगना।
णीलिअ वि [नीलित] नील वर्ण का। णीरंध वि [नीरन्ध्र] निश्छिद्र ।
णीलिआ देखो णीला। णोरण न [दे] घास, चारा।
णीलिम पुंस्त्री [नीलिमन्] नीलापन, हरापन ।
णीली स्त्री [नीली] वनस्पति-विशेष, नील । णीरय वि [नीरजस] रजो-रहित, निर्मल,
नील वर्णवाली स्त्री । आँख का रोग । शुद्ध । पुं. ब्रह्म-देवलोक का एक प्रस्तट । णीरव सक [आ+क्षिप्] आक्षेप करना ।
णीलुंछ सक [कृ] निष्पतन करना । आच्छोटन णीरव सक [बुभुक्ष] खाने को चाहना ।
करना। णीरव वि [आक्षेपक] आक्षेप करनेवाला ।
णोलुक्क सक [गम्] जाना, गमन करना। णीरस वि [नीरस] रस-रहित, शुष्क ।
| णीलुप्पल न [नीलोत्पल] नील रंग का णीरसजल न [नीरसजल] आयम्बिल तप ।
कमल। णीराग । वि [नीराग] वीतराग । णीलुय पुं [दे] अश्व की एक उत्तम जाति । णीराय ,
णीलोभास पुं [नीलावभास] ग्रहाधिष्ठायक णीरेणु वि नीरेणु] धूल-रहित ।
देव-विशेष । वि. नीलच्छाय जो नीला मालूम णीरोग वि [नीरोग] रोग-रहित, तन्दुरुस्त । । देता हो । णील अक [निर् + सृ] बाहर निकलना। । णीव पुं [नीप] कदम्ब का पेड़ । णील पुं [नील] हरा वर्ण, नीला रंग । ग्रहा- णीवार पुं [नीवार] तिल्ली का पेड़ । व्रीहिधिष्ठायक-देव-विशेष । रामचन्द्र का एक सुभट, | विशेष । वानर-विशेष । छन्द-विशेष । पर्वत-विशेष । न. | णीवी स्त्री [नीवी] मूल-धन, पूंजी। इजारनीलम रत्न । वि. हरा वर्णवाला । कंठ पु बन्द । [कण्ठ] शक्रेन्द्र का एक सेनापति, शक्रन्द्र णीसंक देखो णिस्संक = निःशंक । के महिषसैन्य का अधिपति देव-विशेष । मोर। णीसंक पुंदे] वृषभ ।
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