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ण-णंदा
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ण अ [दे] इन अर्थों का सुचक अव्यय-प्रश्न । | रतिकर पर्वत पर स्थित एक देव-नगरी । उपमा ।
वण्ण न [°वर्ण] देव-विमान-विशेष । °सिंग णं वाक्यालंकार में प्रयुक्त किया जाता
न [°शृङ्ग] एक देवविमान । °सिट्ठ न अव्यय । स्वीकार-द्योतक अव्यय ।
[°सृष्ट] देव-विमान-विशेष । सिरी स्त्री णं (शौ) देखो णणु।
[°श्री] एक श्रेष्ठि-कन्या। °सेणिया स्त्री णं (अप) देखो इव।
[°सेनिका] एक जैन साध्वी । णंगअ वि दे] रोका हुआ।
णंद पुं नन्द] श्रीकृष्ण का पालक गोपाल । णंगर पुं [दे] लंगर ।
णंद पुंस्त्री [नन्दा] पक्ष की पहली (प्रतिपदा), णंगर ) न [लाङ्गल] हल ।
षष्ठी और एकादशी तिथि । णंगल णंगल पुंन [दे] चांच।
णंद न [दे] ऊख पीलने या पेरने का काण्ड । णंगल पुन [लाङ्गल] एक देव-विमान ।
- कुण्डा, पात्र-विशेष । णंगलि पुं [लाङ्गलिन्] बलभद्र ।
गंदग पुं [नन्दक वासुदेव का खड्ग । णंगलिय पुं [लाङ्गलिक हल के आकारवाले।। णदण पुं नन्दन] पुत्र । राम का एक सुभट । शस्त्र-विशेष को धारण करनेवाला सुभट ।
एक बलदेव । भरतक्षेत्र का भावी सातवाँ गंगूल न [लागूल] पुच्छ ।
वासुदेव । एक श्रेष्ठी । श्रेणिक राजा का एक णंगूलि वि [लाफ़लिन्] लम्बी पूंछवाला ।
पुत्र । मेरु पर्वत पर स्थित एक प्रसिद्ध वन । पुं. वानर ।
एक चैत्य । वृद्धि । नगर-विशेष । °कर वि णंगूलि देखो गंगोलि।
वृद्धि-कारक । कूड न [°कूट] नन्दन वन का णंगोल देखो गंगूल।
शिखर । भद्द पुं [भद्र] एक जैन मुनि । णंगोलि पुं [ लागलिन् ] अन्तद्वीप-विशेष ।
°वण न [°वन] एक वन जो मेरु पर्वत पर उसका निवासी मनुष्य ।
स्थित है । उद्यान-विशेष । णंतग न [दे] वस्त्र ।
णंदण पुं (दे] दास । णंद अक [नन्द्] खुश होना । समृद्ध होना। णंदण पुंन [नन्दन] एक देव-विमान । न. णंद पुं [नन्द] एक राजा । भरत-क्षेत्र के भावी | सन्तोष । प्रथम वासुदेव । भरत-क्षेत्र में होने वाले नववे | णंदणा स्त्री नन्दना] पुत्री। तीर्थकर का पूर्व-भवीय नाम । एक जैन | णंदणी स्त्री [नन्दनी] लड़की। मुनि । एक श्रेष्ठी । न. देव-विमान-विशेष । । णंदतणय पुं [नन्दतनय] श्रीकृष्ण । लोहे का एक प्रकार का वृत्त आसन । वि. | णंदमाणग पुं [नन्दमानक] पक्षी की एक समृद्ध होने वाला। कंत न [°कान्त] देव- | __ जाति । विमान-विशेष । 'कूड न [°कूट] एक देव- | गंदयावत्त । पुन [नन्दावर्त्त] एक देवविमान । ज्झय न [°ध्वज]एक देव-विमान । णंदावत्त । विमान । पुं. चतुरिन्द्रिय जीव प्पभ न [प्रभ] देव-विमान-विशेष । °मई | __ की एक जाति । न. लगातार इक्कीस दिनों स्त्री[°मती] एक अन्तकृत् साध्वी । °मित्त पुं | का उपवास । [°मित्र] भरतक्षेत्र में होनेवाला द्वितीय वासु- | णंदा स्त्री [नन्दा] भगवान् ऋषभदेव की एक देव । लेस न [°लेश्य] एक देव विमान ।। पत्नी। राजा श्रेणिक की एक पत्नी और °वई स्त्री [°वती] सातवें वासुदेव की माता। अभयकुमार की माता। भगवान् श्री शीतल
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