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जुअल-जुज्झि
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष सापेक्ष या पद्य ।
राजा । मिथिला का एक राजा। वि. दीर्घजुअल पुं [दे] जवान ।
बाहु । मच्छ पुं [°मत्स्य] की एक जाति । जुअलिअ वि [दे] द्विगुणित ।
संवच्छर पुं [°संवत्सर] वर्ष विशेष । जुअलिय देखो जुगलिय ।
जुगंतर न [युगान्तर] यूप-परिमित भूमिभाग, जुअली स्त्री [युगली] युग्म, जोड़ा।
चार हाथ जमीन । °पलोयणा स्त्री [प्रलोजुआण देखो जुवाण।
कना] चलते समय चार हाथ जमीन तक जुआरि स्त्री [दे] जुआरि, अन्न-विशेष । दृष्टि रखना। जुइ स्त्री [द्युति] कान्ति, प्रकाश । °म, मंत जुगंधर न [युगन्धर] शकट का एक अवयव ।
वि [°मत्] तेजस्वी । प्रकाशशाली। पुं. विदेह वर्ष में उत्पन्न एक जिन-देव । एक जुइ स्त्री [युति] संयोग, युक्तता ।
जैन मुनि । एक जैन आचार्य । जुइ पुंयुगिन्] एक जैन मुनि ।
जुगल न [युगल] युग्म, उभय । जुईम वि [द्युतिमत्] तेजस्वी ।
जुगलि वि [युगलिन्] स्त्री-पुरुष के युग्म रूप जुउच्छ सक [जुगुप्स्] घृणा करना, निन्दा
से उत्पन्न होनेवाला। करना।
जुगलिय वि [युगलित] युग्म-युक्त, द्वन्द्वजुगिय वि [दे] जाति, कर्म या शरीर से हीन
सहित । युग्म रूप से स्थित । जिसको संन्यास देने का जैन शास्त्रों में निषेध | गुलवियुगवत्। समय के उपद्रव से वाजत । है । काटा हुआ । दुषित ।
जुगव । म [युगपत्] एक ही साथ, एक ही
जुगवं । समय में। झुंज सक [युज्] जोड़ना, युक्त करना । किसी कार्य में लगाना।
जुगुच्छ देखो जुउच्छ। जुजणया । स्त्री [योजना] ऊपर देखो । | जुगुच्छणया । स्त्री [जुगुप्सा] घृणा, जुंजणा , करण-विशेष-मन, वचन और शरीर का व्यापार ।
जुग्ग न [युग्य] वाहन, गाड़ी वगैरह यान । झुंजम [दे] देखो मुंजुमय।
शिविका, पुरुष-यान । गोल्ल देश में प्रसिद्ध दो जुंजिअ वि [दे] भूखा।
हाथ का लम्बा-चौड़ा यान-विशेष, शिविकाजुजुमय न [दे] एक प्रकार की हरी घास । विशेष । वि. यान-वाहक अश्व आदि । भारजुजुरूड वि [दे] परिग्रह-रहित ।
वाहक । °ायरिया, रिया स्त्री [चर्या] जुग पुं [युग] काल-विशेष-सत्य, त्रेता, द्वापर | वाहन की गति ।
और कलि ये चार युग । पाँच वर्ष का काल || जुग्ग वि [योग्य] उचित । न. चार हाथ का यूप। शकट का एक अंग, | जुग्ग न [युग्म] द्वन्द्व, उभय । धुर, गाड़ी या हल खींचने के समय जो बैलों | जुज्ज देखो जुंज । के कन्धे पर रक्खे जाते हैं। चार हाथ का | जुज्झ अक [युध्] लड़ाई करना। परिमाण । देखो जुअ = युग । °प्पवर वि | जुज्झ न [युद्ध] संग्राम । इजुद्ध न [प्रवर] युग-श्रेष्ठ । पहाण वि [ प्रधान] [तियुद्ध] महायुद्ध, पुरुषों की बहत्तर यग-श्रेष्ठ । पं. यग-श्रेष्ठ जैन आचार्य की एक कलाओं में एक कला। उपाधि । 'बाहु पुं. विदेह वर्ष में उत्पन्न एक | जुज्झण न [योधन] युद्ध । जिनदेव । विदेह वर्ष का एक त्रिखण्डाधिपति | जुज्झिअ वि [युद्ध लड़ा हुआ । संग्राम ।
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