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३४० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
जग्ग-जड्ड जग्ग अक [जाग] जागना, सचेत होना। जट्ट पुं [जत] देश-विशेष । उस देश का जग्गविअ वि [जागरित]जगाया हुआ, नींद से | निवासी। उठाया हुआ।
जट्ठ वि [इष्ट] याग किया हुआ । न [इष्ट] जग्गह पुं यद्ग्रह] जो प्राप्त हो उसे ग्रहण यजन, यज्ञ । करने की राजाज्ञा ।
जट्टि स्त्री [यष्टि] लकड़ी। जग्गाविअ देखो जग्गविअ ।
जड वि. अचेतन पदार्थ । मूर्ख, आलसी, विवेकजग्गाह देखो जग्गह।
शून्य । शिशिर, जाड़े से ठंडा होकर चलने को जघण न [जघन] कमर के नीचे का भाग, अशक्त । ऊरुस्थल।
जड देखो जढ । जच्च पुं [दे] आदमी।
जड । स्त्री [जटा] सटे हुए बाल, मिले हुए जच्च वि [जात्य] कुलीन, श्रेष्ठ, सुन्दर । स्वा- | जडा) बाल । °धर वि. जटा को धारण भाविक । सजातीय, शुद्ध ।
करनेवाला । पुं. जटाधारी तापस । धारि पुं जच्चंजण न [जात्याञ्जन] सुन्दर आँजन । तैल [°धारिन्] देखो पूर्वोक्त अर्थ। वगैरह से मदित अञ्जन ।
जडहारि देखो जड-धारि। जच्चंदण न [दे] अगरु । कुंकुम, केसर । | जडाउ ।' [जटायु] स्वनाम-प्रसिद्ध गृद्ध जच्चंध वि [जात्यन्ध] जन्मान्ध ।
जडाउण , पक्षि-विशेष । जच्चण्णिय वि [जात्यन्वित] सुकुल में उत्पन्न । जडागि पुं [जटाकिन्] ऊपर देखो। जच्चास पुं [जात्यश्व, जात्याश्व] उत्तम जाति जडाल वि [जटावत्] जटाधारी । का घोड़ा।
जडासुर पुं [जटासुर] असुर-विशेष । जच्चिय (अप) वि [जातीय] समान जाति का। जडि वि [जटिन्] जटावाला। पुं. जटाधारी जच्चिर न [यच्चिर] जहाँ तक, जितने समय तक ।
जडिअ वि [जटित] ढका हुआ। जच्छ संक [यम्] विराम करना । देना, दान
जडिअ वि [दे. जटित] जड़ित, जड़ा हुआ, करना।
खचित, संलग्न । जच्छ पुं यक्ष्मन्] क्षयरोग ।
जडिम पुंस्त्री [जडिमन्] जड़ता। जच्छंद वि [दे] स्वच्छन्द ।
जडियाइलग । पुं [दे. जटिकादिलक] ग्रहजज देखो जय = यज ।
जडियाइलय विशेष, ग्रहाधिष्ठायक देवजजु देखो जउ = यजुः ।
विशेष । जज्ज वि [जय्य] जीतने को शक्य ।
जडिल वि [ जटिल ] जटा-युक्त । व्याप्त, जजर वि [जर्जर जीर्ण, सच्छिद्र, खोखला । खचित, जटाधारी तापस। . जन्जर सक [जर्जरय] जीर्ण करना, खोखला जडिलय पुं[दे. जटिलक] राहु । करना।
जडिलिय । वि [जटिलित] जटिल किया जज्जिग पुं [जय्यिक] एक जैन आचार्य का जडिलिल्ल हुआ, जटा-युक्त किया हुआ। नाम ।
जडिल्ल वि [जटिन] जटावाला । जज्जिय। न [यावज्जीव] जीवन-पर्यन्त । जडुल देखो जडिल। जज्जीव
जड्ड वि [दे] अशक्त ।
तापस
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