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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
जंतु-जक्ख जंतु पुं [जन्तु] जीव, प्राणी।।
[°द्वीप ] भूखण्ड-विशेष, सब द्वीप और जंतुग न [जन्तुक] जलाशय में होनेवाला समुद्रों के बीच का द्वीप । दीवग वि तृण-विशेष ।
[°द्वीपक] जम्बूद्वीप-सम्बन्धी, जम्बूद्वीप में जंतुय वि [जान्तुक] जन्तुक नामक तृण । उत्पन्न । °दीवपण्णत्ति स्त्री [°द्वीपप्रज्ञप्ति] जंप सक [जल्प] बोलना, कहना।
जैन आगम-ग्रन्थ-विशेष । °पीढ, 'पेढ जंपण न [जल्पन] उक्ति, कथन ।
न [°पीठ]सुदर्शना-जम्बू का अधिष्ठान-प्रदेश । जंपण न [दे] अपयश । मुख ।
°पुर न. नगर-विशेष । मालि पुं[°मालिन्] जंपय वि [जल्पक] बोलनेवाला ।
रावण का एक पुत्र, रावण का एक सुभट । जंपाण न [जम्पान] वाहन-विशेष, सुखा- °मेघपुर न. विद्याधर-नगर-विशेष । °संड पुं सन, शिविका-विशेष । शव-यान ।
[°षण्ड] ग्राम-विशेष । °सामि पुं [स्वाजंपिच्छय वि [दे] जिसको देखे उसी को मिन्] सुप्रसिद्ध जैन मुनि-विशेष । चाहनेवाला।
जंबूअ पुं [जम्बूक] सियार । जंपेक्खिरमग्गिर : वि [दे] जिसको देखे । जंबूणय न [जाम्बूनद] सुवर्ण । पुं. स्वनामजंपेच्छिरमग्गिर । उसी की याचना करने- प्रसिद्ध एक राजा । वाला।
जंबूलय पुंन [जम्बूलक] उदक-भाजन-विशेष । जंबवई स्त्री [जाम्बवती] श्रीकृष्ण की एक
जंभ पुंदे] तुष, भूसा। पत्नी ।
| जंभग वि [जम्भक] जंभाई लेनेवाला। पुं. जंबवंत पुं [जाम्बवत्] एक विद्याधर राजा । व्यन्तर-देवों की एक जाति । जंबाल न [दे] सैवाल, जलमल |
जंभणंभण जंबाल पुंन. [जम्बाल] कर्दम । जरायु, गर्भ- जंभणभण विदे] स्वच्छन्द-भाषी। वेष्टन चर्म ।
जंभणय ) जंबीरिय (अप) न [जम्बीर] फल-विशेष । जंभणी स्त्री [जम्भणी] तन्त्र प्रसिद्ध विद्याजंबु पुं. सियार। सुधर्म-स्वामी के शिष्य, विशेष ।
अन्तिम केवली । पुन. जम्बू वृक्ष का फल, | जंभय देखो जंभग । जामुन ।
जंभल पुं [दे] जड़, सुस्त, मन्द । जंबु° देखो जंबू ।
जंभा स्त्री [जृम्भा] जंभाई । एक देवी का जंबुअ पुंदे] वेतस वृक्ष, बेंत । पश्चिम दिक्- नाम । पाल ।
जंभा । अक [जम्भ] जंभाई लेना। जंबुल पुं [दे] वानीर वृक्ष, बेंत । न. मद्य- |
जंभाअ ) भाजन ।
| जंभाइअ न [जृम्भित] जृम्भा । जंबुल्ल वि [दे] जल्पाक, बकवादी। जंभिय न [जम्भित] जंभाई। पुं. ग्राम-विशेष, जंबुवई देखो जंबवई।
जहाँ भगवान् महावीर को केवलज्ञान उत्पन्न जंबू स्त्री.जामुन का पेड़ । जम्बू वक्ष के आकार | हुआ था।
का एक रत्नमय शाश्वत पदार्थ, सुदर्शना, जक्ख पुं [यक्ष] व्यन्तर देवों की एक जाति । जिसके कारण यह द्वीप जम्बूद्वीप कहलाता है। कुबेर, यक्षाधिपति । एक विद्याधर-राजा, पुं. सुधर्म-स्वामी का मुख्य शिष्य । दीव पुं जो रावण का मौसेरा भाई था । द्वीप-विशेष ।
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