________________
२७८
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
विशेष |
गइंद पुं [गजेन्द्र ] ऐरावण हाथी । श्रेष्ठ हाथी । पयन [पद] गिरनार पर्वत का एक जल- तीर्थ ।
गउ
पुं [गो] बैल, सांड़ | "पुच्छ पुंन. गउअ बैल की पूँछ । बाण - विशेष | गउअ पुं [गवय ] गो-तुल्य आकृतिवाला जंगली पशु- विशेष, नील गाय | गउआ स्त्री [गो] गया ।
गउड पुं [गौड] बंगाल का पूर्वी भाग । गौड़ देश का निवासी । गौड़ देश का राजा । "वह पुं [वध ] वाक्पतिराज का बनाया हुआ प्राकृत भाषा का एक काव्य-ग्रन्थ । गण व [गौण] अप्रधान ।
गउणी स्त्री [गौणी] शब्द की एक शक्ति । गउरव देखो गारव ।
गउरी स्त्री [गौरी] पार्वती । गौर वर्णवाली स्त्री | स्त्री- विशेष | 'पुत्त पुं [पुत्र ] कार्तिकेय | गंअ देखो गय = गत |
गंग पुं [ग] मुनि-विशेष, द्विक्रिय मत का प्रवर्तक आचार्य | दत्त पुं. एक जैन मुनि, जो षष्ठ वासुदेव के पूर्वजन्म के गुरू 1 नववें वासुदेव के पूर्वजन्म का नाम । इस नाम का एक जैन श्रेष्ठी । 'दत्ता स्त्री एक सार्थवाह की स्त्री का नाम ।
गंग देखो गंगा ।प्पवाय पुं ['प्रपात] हिमाचल पर्वत पर का एक महान् ह्रद, जहाँ से गंगा निकलती है । °सोअ पुं [स्रोतस् ] गंगा नदी का प्रवाह । गंगली स्त्री [दे] मौन ।
गंगा स्त्री [गङ्गा ] स्वनाम - प्रसिद्ध नदी । स्त्रीविशेष । गोशालक के मत से काल-परिमाण - विशेष | गंगा नदी की अधिष्ठायिका देवी । भीष्मपितामह की माता का नाम । कुंड न [ कुण्ड ] हिमाचल पर्वत पर स्थित हृदविशेष, जहाँ से गंगा निकलती है । 'कूड न
Jain Education International
इंद-गंठि
[ कूट] हिमाचल पर्वत का एक शिखर । दीप [ द्वीप ] द्वीप - विशेष, जहाँ गंगा देवी का भवन है । 'देवी स्त्री. गंगा की अधिष्ठायिका देवी । 'वत्त [वर्त्त] आवर्त्त-विशेष | ● सय न [ 'शत] गोशालक के मत में एक प्रकार का काल-परिमाण । 'सागर पुं. प्रसिद्ध तीर्थ-विशेष, जहाँ गंगा समुद्र में मिलती है । गंगेपुं [गाङ्गेय] गंगा का पुत्र, भीष्म पितामह । द्वैक्रिय मत का प्रवर्त्तक आचार्य । एक जैन मुनि, जो भगवान् पार्श्वनाथ के वंश के थे । गंछ ' [ दे] वरुड़, इस नाम की एक म्लेच्छ जाति ।
गंछय
गंछिय पुं [दे] तेली । घाँची ।
गंज सक [गञ्ज ] तिरस्कार करना । उल्लंघन करना । मर्दन करना | पराभव करना । मारना, पीडित करना । गंज पु [दे] गाल |
गंज पुं [ग] एक प्रकार की खाद्य वस्तु | 'साला स्त्री ['शाला ] तृण, लकड़ी वगैरह ईन्धन रखने का स्थान । गंजण न [गञ्जन] अपमान । गंजण वि [गञ्जन] मर्दनकर्ता । गंजा स्त्री [ गल्ला ] मद्य की दूकान । गंजिअ पुं [गाञ्जिक ] दारू बेचने वाला
कलाल |
गंजिल्ल वि [ दे] वियोग प्राप्त, वियुक्त । पागल । गंजुल्लिय वि [दे] रोमाञ्चित । गंजोल वि [दे] व्याकुल ।
गंजोल्लिअ वि [दे] रोमाञ्चित । गुदगुदी । गंठ सक [ ग्रंथ ] गठना, गूंथना । पिरोना,
बनाना ।
गंठ देखो गंथ |
गंठि स्त्री [गृष्टि ] एकबार व्यायी हुई गौ । गंठि पुंस्त्री [ग्रन्थि] गाँठ, जोड़ । बाँस आदि की गिरह, पर्व । गठरी । रोग विशेष । राग
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org