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कप्पोववण्ण-कमल
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष देव लोक-वासी देव ।
स्थालो । बलदेव ! मुख । कप्पोववण्ण पुं [कल्पोपपन्न] ऊपर देखो। कमढ पु [कमठ तापस-विशेष, जिसको कप्पोववत्तिआ स्त्री [कल्पोपपत्तिका] देव- भगवान पार्श्वनाथ ने वाद में जीता था और लोक-विशेष में उत्पत्ति ।
जो मरकर दैत्य हुआ था । कच्छप । बाँस । कप्फल न कटफल] इस नाम की एक वन- शल्लकी वृक्ष । न. मैल । साध्वियों का एक स्पति, कायफल ।
पात्र । साध्वियों को पहनने का एक वस्त्र । कप्फाड देखो कवाड - कपाट ।
कमण न [क्रमण] गति, चाल । प्रवृत्ति । कप्पाड [दे] देखो कफाड ।
कमणिया स्त्री [क्रमणिका] जूता । कफ पुं. शरीर-स्थित धातु-विशेष । कमणिल्ल वि [क्रमणीवत्] जूतावाला, जूता कफाड पुं [दे] गुफा ।
पहना हुआ। कबंध (शौ) देखो कमंध ।
कमणी स्त्री [क्रमण जता । कब्बट्टी स्त्री [दे] छोटी लड़की ।
कमणी स्त्री [दे] सी।। कब्बड पुंन [कर्बट] कुत्सित शहर । पुं. ग्रह- |
कमणीय वि कमनीय] सुन्दर, मनोहर । विशेष, ग्रहाधिष्ठायक देव-विशेष । वि. कुन- कमल पुं दे] स्थाली । पटह । मुंह । मृग । गर का निवासी।
कलह । कब्बर देखो कब्बुर।
कमल पुंन. एक देव-विमान । न. पद्म । कमकब्बाडभयय पुं [दे] ठीका पर जमीन खोदने
लाख्य इन्द्राणी का सिंहासन । संख्या-विशेष, का काम करनेवाला मजदूर ।
'कमलांग' को चौरासी लाख से गुणने पर जो कब्बुर । वि [कर्बुर] चितकबरा । पुं. संख्या लब्ध हो वह । छन्द-विशेष । पुं. कब्बुरय । ग्रह-विशेष, ग्रहाधिष्ठायक देव
कमलाख्य इन्द्राणी के पूर्वजन्म का पिता । विशेष ।
श्रेष्टिविशेष । पिंग 3-प्रसिद्ध एक गण, अन्त्य कभ (अप) देखो कफ ।
अक्षर जिसमें गुरु हो वह गण । एक जाति कभल्ल न [दे] कपाल ।
का चावल, कलम । °क्ख पुं [°क्ष] इस कम सक [क्रम्] चलना, पाँव उठाना । नाम का एक यक्ष । जय न. विद्याधरों का उल्लंघन करना। अक. फैलना, पसरना। एक नगर । °जोणि पुं [योनि] विधाता । होना।
°णअण पुं [°नयन | विष्णु, नारायण । °पुर कम सक [कम्] वाञ्छना ।
न. विद्याधरों का क नगर । °प्पभा स्त्री कम अक [क्रम्] युक्त होना, घटना । अधिक [°प्रभा] काल-नामक पिशाचेन्द्र की अग्ररहना।
महिषी । 'ज्ञाताधर्मकथा' सूत्र का एक अध्यकम पुं [क्रम्] पाँव । परम्परा । परिपाटी । यन । 'बन्धु पुं ["बन्धु] सूर्य । इस नाम का
मर्यादा, सीमा । न्याय, फैसला । नियम ।। एक राजा। °माला स्त्री. पोतनपुर नगर के कम पुं [क्लम] थकावट ।
राजा आनन्द की। क रानी, भगवान् अजितकमंडलु पुन. संन्यासियों का एक मिट्टी या नाथ की दादी। 'रय पुं[ "रजस् ] कमल काष्ठ का पात्र ।
का पराग । वडिस य न [°ावतंसक] कमला कमंध पुंन [कबन्ध] मस्तकहीन शरीर। नामक इन्द्राणी का प्रासाद । °सिरी स्त्री कमढ पुं दे] दही की कलशी। पिठर, [श्री कमला-नामक इन्द्राणी की पूर्व जन्म
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