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कटुं-कडण संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
२११ लिया स्त्री [पुत्तलिका] कठपुतली । “पेज्जा | पुं [वादिन्] जगत्कर्तुत्ववादी । "आइ पुं स्त्री [°पेया] मूग वगैरह का क्वाथ । घृत [°ादि] देखो जोगि । देखो कय = कृत । से तली हुई तण्डुल की राब । 'मह न | कडअल्ल पुं [दे] दौवारिक । ["मधु] पुष्प-मकरन्द । °मूल न. द्विदल | कडअल्ली स्त्री [दे कण्ठ, गला । धान्य । हार पुं. त्रीन्द्रिय जन्तु-विशेष । कडइअ पुंदे] स्थपति । "हारय पुं [हारक] कठहरा ।
कडइअ वि [कटकित]वलय की तरह स्थित । कट्ट वि [कृष्ट] विलिखित, चासा हुआ।
कडइल्ल पुंदे] दावारिक । कट्ठण न [कर्षण] आकर्षण ।
कडंगर न [कडङ्गर] तुष, छिलका, भूसा । कट्टहार पुं [काष्ठहार] कठहरा ।
कडंत न [दे] मूली । मुसल । कट्ठा स्त्री [काष्ठा] दिशा। हद । अठारह
कडंतर न [दे] पुराना सूर्प आदि उपकरण । निमेष । प्रकर्ष ।
कडंतरिअ वि [दे] विदारित, विनाशित । कट्टिअ पुं [दे] चपरासी, प्रतीहार । कडंब पुं [कडम्ब] वाद्य-विशेष । कट्ठिअ वि [काष्ठित] काठ से संस्कृत भीत कडंबा पुंस्त्री [कदम्बा] वाद्य-विशेष । वगैरह ।
कडभुअ न [दे] कुम्भग्रीव-नामक पात्र-विशेष । कट्ठिण देखो कढिण।
घड़े का कण्ठ-भाग । कट्टेअ वि [काष्ठेय] देखो कट्ठिअ-काष्ठित । | कडक देखो कडग । कट्ठोल देखो कट्ट = कृष्ट ।।
कडकडा स्त्री. अनुकरण शब्द-विशेष, कड़-कड़ कड वि [दे] क्षीण । मृत, विनष्ट ।
आवाज । कड पुं [कट] गण्ड-स्थल, गाल । तृण । | कडकडिअ वि [कडकडित] जिसने कड़-कड़ चटाई । लकड़ी । बांस । तृण-विशेष । छिला ___ आवाज किया हो वह, जीर्ण । हुआ काष्ठ । ‘च्छेज न [°च्छेद्य] कला- कडकडिर वि कडकडायितु] कड़-कड़ विशेष । °तड न [°तट] कटक का एक | आवाज करनेवाला। भाग । गण्ड-तल । पूयणा स्त्री [पूतना] | कडक्किय न कडक्कित] कड़कड़ आवाज । व्यन्तरी-विशेष ।
कडक्ख पुं [कटाक्ष | कटाक्ष, भाव-युक्त दृष्टि, कड वि [कृत] किया हुआ। रचित । पुन. | आँख का संकेत । सत्ययुग । चार की संख्या । "जुग न [युगकडक्ख सक [कटाक्षय] कटाक्ष करना । सत्य-युग, १७२८००० वर्षों का यह युग |
कडग पुंन [कटक] कड़ा, वलय । यवनिका । होता है। °जुम्म पु [°युग्म] सम राशि
पर्वत का मूल भाग । पर्वत का मध्य भाग । विशेष, चार से भाग देने पर जिसमें कुछ भी
पर्वत की सम भूमि । पर्वत का एक भाग । शेष न बचे एसो राशि । जुम्मकडजुम्म पुं। शिविर, सेना के रहने का स्थान । पुं. देश['युग्मकृतयुग्म] राशि-विशेष । “जुम्मक- |
विशेष । देखो कड़य। लिओय [युग्मकल्योज] राशि-विशेष । |
कडच्छु स्त्री [दे] की, चमची, डोई।। जम्मतआग पु [युग्मत्र्याज] राशि- | कडण न [कदन] मार डालना । नाश विशेष । जम्मदावरजुम्म पुं.[ जुग्मद्वापर- करना । मर्दन । पाप । युद्ध । विह्वलता। युग्म] राशि-विशेष । °जोगि वि [योगिन्] | कडण न [कटन] घर की छत । घर पर छत कृत-क्रिय । गीतार्थ, ज्ञानी। तपस्वी । °वाइ डालना। चटाई आदि से घर के पार्श्व
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