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अरुण वि [ अवरुदित] रोगा हुआ । ओरुद्ध वि [ अवरुद्ध ] रुका हुआ, बन्द किया हुआ।
ओरुभ सक [ अव + रुह्
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उतारना ।
ओरुम्मा अक [ उद् + वा ] सुखना । ओ देखो ओरु |
ओरोध देखो ओरोह = अवरोध | ओरोह देखो ओरुभ |
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
ओरोह पुं [ अवरोध ] अन्तःपुर की स्त्री । नगर के दरवाजा का अवान्तर
द्वार ।
संघात ।
ओलि सक [दे] खोलना । [ ? लिप्प ] । ओलिंप सक [ अव + लिप्] लीपना । ओलिंभा स्त्री [दे] उपदेहिका, दीमक ।
उतरना । ओलित्त वि [ अवलिप्त, उपलिप्त ] लीपा
ओलअ पुं [दे] बाज पक्षी । अपलाप, निह्नव । ओलअणी स्त्री [दे] नवोढा ।
ओलइअ वि [दे. अवलगित ] शरीर में सटा
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ओरुण्ण - ओल्लट्टेण
अलग्ग वि [ अवरुग्ण] ग्लान, बीमार । दुर्बल
अलग्ग वि [ अवलग्न ] पीछे लगा हुआ । अलग्ग [दे] देखो ओलुग्ग । ओलावअ पुं [दे] बाज पक्षी । ओलि देखो ओली = आली । ओलिंद पुं [अलिन्दक] बाहर के दरवाजे का प्रकोष्ठ ।
हुआ ।
ओलित्ती स्त्री [दे] खड्ग आदि का एक दोष । ओलिप्प न [ दे] हास, हँसी । ओलिप्पती स्त्री [दे] खड्ग आदि का एक दोष |
ओलिह सक [ अव + लिहू ] आस्वादन
हुआ, परिहित । लगा हुआ ।
ओलइणी स्त्री [दे] प्रिया, स्त्री ।
ओलंड सक [उत् + लङ्घ] उल्लंघन करना । ओलुंड सक [वि + रेचय् ] झरना, टपकना, ओलंब पुं [ अवलम्ब] नीचे लटकना ।
बाहर निकलना ।
करना ।
ओली सक [ अव + लो] आगमन करना । नीचे आना । पीछे आना । ओली स्त्री [आली] श्रेणी । ओली स्त्री [दे] कुलाचार |
ओलुंकी स्त्री [] बालकों की एक प्रकार की क्रीड़ा |
ओलुंप पुं [अवलोप] मसलना । ओलंबण न [अवलम्बन] सहारा । दीव पुं | ओलुंपअ पुं [दे] तवा का हाथा ।
सहारा ।
[प] शृङ्खलाबद्ध दीपक ।
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ओलंबिय वि [ उल्लंबित ] लटकाया हुआ ओलंभ पुं [ उपालम्भ ] उलाहना । ओलक्खि वि [उपलक्षित] पहिचाना हुआ । ओलगि (अप) देखो ओलग्गि । अलग्ग सक [ अव + लग ] पीछे लगना । सेवा करना ।
ओलुग्ग वि [ अवरुग्ण ] रोगो । भग्न, नष्ट | ओलुग्गवि [दे] सेवक । बल-हीन । निस्तेज । ओलुग्गाविय वि [दे] बीमार | विरह, पीड़ित ।
ओट्ट व [दे] असंघटमान । मिथ्या । ओलेड वि [ दे] अन्यासक्त | प्रवृद्ध ।
ओलोअ देखो अवलोअ ।
ओलोट्ट सक [अप + लुठ् ] पीछे लौटना । ओलोयण न [ अवलोकन ] देखना | गवाक्ष । खोज, दृष्टि ।
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तृष्णा-पर ।
ओल्ल पुं [दे] पति । स्वामी । दण्डप्रतिनिधि पुरुष, राजपुरुष - विशेष ।
ओल्ल देखो उल्ल - आर्द्र । आर्द्रय् । ओल्लट्टण पुं [अवलटन] एक नरक-स्थान ।
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