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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
ऐ-ओआहिम
ऐ अ [अयि] इन अर्थों का सूचक अव्यय- सम्भावना। आमन्त्रण, सम्बोधन । प्रश्न ।
अनुराग । अनुनय ।
ओ
ओ पुं. स्वर वर्ण-विशेष ।
ओअरण न [उपकरण] साधन । ओ देखो अव% अप ।
ओअरय पुं [अपवरक] कमरा, कोठरी । ओ देखो अव।
ओअरिअ वि [औदरिक] पेटू, उदर भरने ओ देखो उव ।
मात्र की चिन्ता करनेवाला । ओ देखो उअ = उत ।
ओअरिया स्त्री [अपवरिका] कोठरी, छोटा ओ अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय-वितर्क। कमरा । प्रकोप, विस्मय । सूचना । पश्चात्ताप । सम्बो- ओअल्ल देखो ओवट = अप+ वृत् । धन । आमन्त्रण । पादपूर्ति में प्रयुक्त किया ओअल्ल अके [अव + चल्] चलना। जाता अव्यय ।
ओअल्ल पुं [दे] खराब आचरण । काँपना । ओअ न [दे] वार्ता।
गौओं का बाड़ा । वि. पर्यस्त, प्रक्षिप्त । लम्बओअअ वि [अपगत] अपसृत ।
मान । जिसकी आँखें निमीलित होती हों वह । ओअंक पुं [दे] गजित, गर्जना ।
ओअल्लअ वि [दे] विप्रलब्ध, प्रतारित । ओअंद सक [आ+छिद्] बलात्कार से छीन ओअव सक [साधय्] साधना । वश में करना। लेना । नाश करना।
जीतना। ओअंदणा स्त्री [आच्छेदना] नाश । जबर- ओआअ पुं दे] ग्रामाधीश । आज्ञा । हस्ति दस्ती छीनना।
वगैरह को पकड़ने का गर्त । वि. अपहृत । ओअक्ख सक [दृश] देखना ।
ओआअव पुं [दे] अस्त-समय । ओअग्ग सक [वि + आप्] व्याप्त करना। ओआर सक [अप+वारय] ढाँकना । ओअग्गिअ वि [दे] अभिभूत । न. केश वगैरह ओआर पुं [अपकार] अनिष्ट, क्षति । को एकत्रित करना ।
ओआर पुं [अवतार] अवतारण । देहान्तरओअग्घिअ । वि [दे] सूंघा हुआ ।
धारण । उत्पत्ति । प्रवेश । उतारना । ओअघिअU
ओआर देखो उवयार। ओअण्ण वि [अवनत] नमा हुआ। ओआल पुं [दे] छोटा प्रवाह । ओअत्त वि [अपवृत्त उलटा किया हुआ । ओआली स्त्री [दे] खड्ग का दोष । पंक्ति । ओअत्तअ वि [अपत्तितव्य] अपवर्तन- ओआवल पुं [दे] सुबह का सूर्यताप । योग्य । त्यागने योग्य ।
ओआस देखो अवगास। ओअम्मअ वि [दे] अभिभूत ।
ओआस देखो उववास। ओअर सक [अव + तु] जन्म-ग्रहण करना । | ओआहिअ वि [अवगाहित] जिसका अवनीचे उतरना।
। गाहन किया गया हो वह ।
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