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उच्छित्त वि [ उत्सिक्त ] सींचा हुआ । उच्छिष्प देखो उक्खिव । उच्छिय वि [ उच्छ्रित] उन्नत, ऊँचा । उच्छिरण वि [] उच्छिष्ट, जुठा । उच्छिल न [ दे] विवर । वि. अवजीर्ण | उच्छु देखो इक्खु । जंत न [ यंत्र ] ईख पेरने का सांचा ।
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
उच्छु पुं [दे] वायु । उच्छुअवि [ उत्सुक ] उत्कण्ठित 1
उच्छुअन [दे] डरते-डरते की हुई चोरी । उच्छुअरण न [दे] ईख का खेत । उच्छुआर वि [दे] संछन्न, ढका हुआ । उच्छृंडिअ वि [दे] बाण वगैरह से आहत | छीना हुआ ।
उच्छुच्छु वि [दे] अभिमानी ।
उच्छुण्ण a [ उत्क्षुण्ण] खण्डित, तोड़ा हुआ ।
आक्रान्त |
उच्छुद्ध व [] विक्षिप्त । पतित ।
उच्छुभ सक [ अप + क्षिप् ] आक्रोश करना, गाली देना ।
उच्छुभण न [उत्क्षेपण] ऊँचा फेंकना । उच्छुर वि [दे] अविनश्वर, स्थायी । उच्छुरण न [दे] ईख का खेत । ईख । उच्छुल्ल पुं [दे] अनुवाद | खेद, उद्वेग । उच्छू [] आरूढ़, ऊपर बैठा हुआ । वि उच्छूढ वि [ उत्क्षिप्त ] उज्झित । हुआ । निष्कासित |
उच्छूढ वि [उत्क्षुब्ध] त्यक्त |
=
उच्छूर देखो उल्लूर - तुड़ । उच्छूल देखो उच्चूल |
उच्छेअ पुं [उच्छेद ] नाश, उन्मूलन ।
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चुराया
उच्छेर अक [उत् + श्रि ] ऊँचा होना, उन्नत होना । अधिक होना, अतिरिक्त होना । उच्छेव पुं [उत्क्षेप] ऊँचा करना, उठाना | फेंकना ।
उच्छेव पुं [उत्क्षेप] प्रक्षेप |
उच्छित्त-उज्जल
उच्छेवण न [ दे] घी ।
उच्छेह पुं [उत्सेध] ऊँचाई । उच्छोडि वि [ उच्छोटित ] मुक्त किया
हुआ । उच्छोभ वि शोभा-रहित । न चुगली । उच्छोल सक [ उत् + मूलय् ] उखाड़ना । उच्छोल सक [उत् + क्षालय् ] प्रक्षालन करना | उच्छोला स्त्री [दे] प्रभूत जल । उच्छोलित्तु वि [उत्क्षालयितृ] डूबोनेवाला । उजु देखो उज्जु ।
उज्ज देखो ओय = ओजस् ।
उज्जन [ऊर्ज] तेज, प्रताप । बल । उज्जअणी स्त्री [उज्जयनी, यिनि] नगरीउज्जइणी विशेष |
उज्जंगल न [] बलात्कार, जबरदस्ती । वि. दीर्घ, लम्वा ।
उज्जगरय पुं [ उज्जागरक] जागरण | उज्जग्गिर न [ उज्जागर] निद्रा का अभाव । उज्जग्गुज्ज वि [दे] निर्मल । उज्जड व [दे] उजाड़, वसति-रहित । उज्जणि वि [दे] वक्र, टेढ़ा |
उज्जम अक [ उद् + यम् ] उद्यम करना,
प्रयत्न करना ।
उज्जमण (अप) न [ उद्यापन ] उद्यापन, व्रतसमाप्ति कार्य ।
उज्जयि (अप) वि [ उद्यापित ] समापित (व्रत) | उज्म्ह अक [उत् + जृम्भ् ] जोर से जँभाई लेना ।
उज्जय हि [ उद्यत ] उद्योगी, प्रयत्नशील । 'मरण न. मरण-विशेष |
उज्जयंत पुं [ उज्जयन्त] गिरनार पर्वत । उज्जर वि [दे] मध्य-गत, भीतर का । पुं. निर्जरण, क्षय ।
उज्जल अक [उद् + ज्वल्] जलना | प्रकाशित होना ।
उज्जल वि [ उज्ज्वल ] निर्मल | चमकीला ।
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