________________
उच्चोड-उच्छित्त
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
१४७
उच्चोड पुं. [दे] शोषण ।
उच्छविअ न [दे] शय्या, बिछौना। उच्चोदय पुं. चक्रवर्ती का एक देवकृत प्रासाद ।। उच्छह सक [ उत् + सह ] उद्यम करना । उच्चोल पुं [दे] खेद, उद्वेग । नीवी, स्त्री के | अक. उत्साहित होना। कटि-वस्त्र की नाड़ी।
उच्छाइअ वि [अवच्छादित] आच्छादित, उच्छ पुं [उक्षन्] वृषभ ।
ढका हुआ। उच्छ पुं [दे] आँत का आवरण । वि. न्यून, उच्छाडिअ (अप) वि [अवच्छादित] ढका हीन ।
हुआ। उच्छअ पुं [उत्सव क्षण, उत्सव ।
उच्छाण देखो उच्छ = उक्षन् । °उच्छअ वि [पृच्छक] प्रश्न-कर्ता । उच्छाय पुं [उच्छाय] उत्सेध, ऊँचाई । उच्छइअ वि [उच्छदित] आच्छादित । उच्छाय सक [ अव + छादय् ] ढकना। उच्छंखल वि [उच्छृङ्खल] शृङ्खला-रहित, | उच्छायण वि [उच्छादन] नाशक ।
अवरोध-वर्जित, बन्धन-शून्य । उद्धत । उच्छायणया) स्त्री [उच्छादना] उच्छेद, उच्छंग पुं [उत्सङ्ग] मध्य भाग । गोद । पृष्ट उच्छायणा । विनाश । व्यवच्छेद, देश ।
व्यावृत्ति । उच्छंगिअ वि [उत्सङ्गित] कोरा, कोली या | उच्छार देखो उत्थार = आ + क्रम् । गोद में लिया हुआ।
उच्छाल सक [ उत् + शालय ] उछालना, उच्छंगिअ वि [दे] आगे किया हुआ, आगे | ऊँचा फेंकना। रखा हुआ।
उच्छास देखो ऊसास। उच्छंघ देखो उत्थंघ।
उच्छाह सक [ उत् + साहय ] उत्साह उच्छंट पुं [दे] झड़प से को हुई चोरी । दिखाना, उत्तेजित करना। उच्छट्ट पुं दे] चोर, डाकू।
उच्छाह पुं [उत्साह] उत्साह । दृढ़ उद्यम, उच्छडिअ वि [दे] चोरी का माल ।
स्थिर प्रयत्न । उत्कण्ठा, उत्सुकता । पराक्रम । °उच्छण न [प्रच्छन] प्रश्न, पूछना।
शक्ति । उच्छण्ण वि [उत्सन्न] छिन्न, खण्डित, नष्ट । । | उच्छाह पुं [दे] सूत का डोरा । उच्छत न [अपच्छत्र] अपने दोष को ढकने | उच्छिद सक [उत् + छिद्] उन्मूलन करना, का व्यर्थ प्रयत्न । मृषावाद ।
उखाड़ना । उच्छप्प सक [उत् + सर्पय] उन्नत करना,
उच्छिदण न [दे] उधार लेना। प्रभावित करना।
उच्छिपग वि [अवच्छिम्पक] चोरों को खानउच्छल अक [उत् + शल्] उछलना, ऊँचा | पान वगैरह की सहायता देनेवाला। जाना । कृदना । पसरना, फैलना। उच्छिपण न [उत्क्षेपण] ऊपर फेंकना । बाहर उच्छल्ल देखो उच्छल ।
निकालना। उच्छल्ल वि [उच्छल] उछलनेवाला। उच्छि? वि [उच्छिष्ट] जूठा । अशिष्ट, असभ्य । उच्छल्लणा स्त्री [दे] अपवर्त्तना, अपप्रेरणा । । उच्छिण्ण वि [उच्छिन्न] उच्छिन्न, उन्मूलित । उच्छल्लिअ वि [दे] जिसकी छाल काटी गई | उच्छित्त वि [दे] विक्षिप्त । पागल । हो वह ।
उच्छित्त वि [उत्क्षिप्त] फेंका हुआ । उच्छव देखो उच्छअ । उत्सेक ।
उच्छित्त देखो उठ्ठिय ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org