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________________ आहिआइ-इ आहिआइ स्त्री [आभिजाति ] कुलीनता, खानदानी | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष आहिआई स्त्री [अभिजातो ] कुलीनता । आहिंसक [आ + हिण्ड् ] जाना । परिश्रम ? वि [आहिण्डक] चलनेवाला, आहु [आ + हु] दान करना, त्याग करना । आहुअ. अथवा, या । आहु पुं [दे] घूक, उल्लू । आइ व [आहोतृ] दाता, त्यागी । स्त्री [आहुति ] हवन, होम का पदार्थ, इ इ पुं. प्राकृत वर्णमाला का तृतीय स्वरवर्ण । वाक्यालङ्कार और पादपूर्ति में प्रयुक्त किया १७ Jain Education International बलि । आहंदुर आहुंदुरु करना । घूमना । आहिंडग आडिय परिभ्रमण करनेवाला | आहिक्क न [आधिक्य ] अधिकता । सम्पूर्ण आहिजा देखो आहिआइ । आहिजाई देखो आहिआई । आहितंsai[आहितुण्डिक ] गारुडिक, सपेरा । आहित्य वि [दे] चलित, गत । कुपित, क्रुद्ध | आकुल, घबड़ाया हुआ । द्धिवि [दे] रुद्ध | गलित । आत्तिन [आधिपत्य ] नेतृत्व । आहिय वि [आहित] निवेशित । हितकर । विरचित । ग्गि पुं [अग्नि] अग्निहोत्रीय ब्राह्मण | आहिय वि [आहित] व्याप्त । उत्पादित । प्रथित । सर्वथा हितकारी । आहिय व [आख्यात] प्रतिपादित, उक्त । हियार पुं [अधिकार ] अधिकार, सत्ता । आहिवत्त देखो आहिपत्त । आहिसारिअ वि [अभिसारित ] नायक - बुद्धि आहोअ देखो आभोग । आहे व [आधेय ] स्थाप्य । आश्रित । आहेर देखो आहीर | आहेवच्च न [आधिपत्य ] मुखियापन | आहेवण न [आक्षेपण] आक्षेप | क्षोभ उत्पन्न करना । से गृहीत पति -बुद्धि से स्वीकृत । आहोअ देखो आभोय = आ + भोजय् । आहीर पुं. देश- विशेष । शूद्र जाति- विशेष, आहोइअ वि [आभोगित ] ज्ञात, दृष्ट | अहीर । इस नाम का एक राजा । उपयोग ही आहुस [ आ + हवे ] बुलाना । पुं [दे] बालक, बच्चा । विक्रय । आहुड न [ दे] सीत्कार गिरना । आहुण सक [ आ + धु] हिलाना । आहुणिय वि [आधुनिक ] आजकल का, नवीन । पुं. ग्रह - विशेष । आहुत न [ दे. अभिमुख ] सम्मुख । आहूअवि [ आहूत ] बुलाया हुआ । आहूअ पुं [आहूक ] पिशाच - विशेष | [आ] उत्पन्न । १२९ आहोइअ वि [आभोगिक ] जिसका प्रयोजन हो वह । आहेड पुंन [आखेट] शिकार, मृगया । आहे व [आखेटक ] मृगया-सम्बन्धी | आहेण न [दे] विवाह के बाद वर के घर वधू के प्रवेश होने पर जो जिमाने का उत्सव किया जाता है वह । अक. जाता अव्यय । इदेखो इइ । आहोड सक [ताsय् ] पीटना । आहोरण [आधोरण ] महावत । आहोहि वि [आधोवधिक] अवधि • आहो ज्ञानी का एक भेद, नियत क्षेत्र को अवधिज्ञान से देखनेवाला । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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