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असुंश्रो ]
श्रमुं श्रो. व० कृ० त्रि० (श्रमुञ्चतः अमुञ्चत् ) ( ' अमुञ्चत् ' शहनी पष्ठी मे वयन, 'मुञ्चतः' थे संस्कृत शब्हन अनुवाद छे ). न भुतो न छोडतो. " अमुञ्चत्, शब्द की षष्ठी विभक्ति का एक वचन" नहीं छोड़ता हुआ; याग न करता हुआ. Not abandoning; not leaving off उत्त० ३६, ८१; अमुग. त्रि० (अमुक) अभुसाल, गमे । ते असे अमुक; फलाँ; कोई एक. Certain ; some one. वव० २, २२; ७, ५; नंदी ० ३५; दस० ७, ६; ५०; विशे० १० १५६०;
( ३७८ )
श्रमुच्छा. स्त्री० ( श्रमूर्च्छा ) भूरनो अभाव मूच्छी का अभाव Absence of attachment. भग० १, ६; श्रमुच्छिश्र - य. त्रि० ( अमूर्च्छित ) मुर्छा - व्यासक्तिरहित मूर्च्छा रहित; रहित; आसक्ति रहित. Free from attachment दस० ५ १, १; ५, २, २६; १०, १, १६ उत्त० ३५, १७; नाया० १७९ १६, भग० १४, ७, आया० २, १, ५, २६;
ममत्व
[ श्रमुयंत
of unknown name. प्रव० २४८; - संख. त्रि० (संख्य ) भेनी संख्या लगुवामांनथी ते; अपरिमित संख्या रहित; जिसकी संख्या की जानकारी न हो वह परिमाण रहित. of unknown measure quantity; unlimited in quantity
सु० च० २, ६४१;
श्रमुत्त. त्रि० ( अमुक्त ) संसारथी भुक्त नथी थये। ते; संसारी, जो संसार से मुक्त नहीं हुआ वह; संसारी. Not liberated from worldly existence. ठा० ४, ४; १०; जं० प०५, ११२;
अमुच्चमाण. ब० कृ० त्रि० ( अमुध्यमान ) | श्रमुत. त्रि० (अमूर्त) अभूर्त, वर्णु, गंध, रस भ्यने न छोडातो. नहीं छूटता हुआ. Not being abandoned. भग० ६, ३३;
स्पर्शरद्धित धर्मास्तिकाय वगेरे. अमूर्त मूर्ति रहित, वर्ण, गंध, रस और स्पर्श रहित धर्मास्तिकाय आदि अमूर्त द्रव्य. ( Substance like Dharmastikāya) devoid of colour, smell, taste and touch. विशे० ६८८ - भाव. पुं० (-भाव )
मूर्त अमूर्तता state of being devoid of colour, smell, taste and touch. " अमुत्तभावा विय होइ णिच्चो उत्त० १४, १६; श्रमुत्ति स्त्री० (मुक्ति) मोक्षा अभाव. मोक्ष का अभाव. Absence of salvation. ( ३ ) सोल. लोभ. greed; avarice.
परह० १, ५;
श्रमुत. व० कृ० त्रि. (* अजानत् ) न लगतो. नहीं जानता हुआ. Not knowing. विशे० ३३२,
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अमुय. त्रि० (अमुक) लुभे। ' श्रमुग 2 अमुग ०६. देखो Vide 'पिं० नि० ५२८;
शब्द.
श्रमुणिय. त्रि० ( *श्रमुणित-अज्ञात नास्ति
मुणितं ज्ञानं यत्र तदमुणितम् ) अन्नएये; ज्ञानरहित नहीं जाना हुआ; ज्ञान रहित. Ignorant; devoid of knowledge. पराह०१, २, प्रव० २४८; अत्त० १२४; - नाम.
अमुग. अमुय. त्रि० (अमृत) स्मृतिमां नहि यावेस. स्मृति में नहीं आया हुआ. Not remembered; unrecollected सूय० २, ७, ३८ भग० ३, ७;
त्रि० ( - नामन् ) नेनुं नाम लगुवामां नथी तेवी वस्तु अज्ञातनाम की वस्तु . ( a thing ) | श्रमुयंत व० कृ० त्रि० ( * श्रमुञ्चत् ) न छोडतो;
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