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________________ सत्त्व २८६ ३. सत्त्व विषयक प्ररूपणाएं प्रमाण मार्गणा २८ प्र. ७प्र. ७प्र. । २प्र. अन्य विकल्प कषाय मार्गणा क्रोध मान माया लोभ अकषायी x x x x x संव.४ बिना २४ की वि. अवि. संज्व, मान, माया, लोभ बिना २५ की वि. अवि.। संज्व, माया, लोभ, बिना २७ की वि. अवि. ! संज्व. लोभ बिना २७ की घि. अवि, । अनन्तानु. ४ बिना २४ की वि. अवि. । शान मार्गणा मति, श्रुत, अज्ञान विभंग ज्ञान मति, श्रुत, अवधि मनः पर्यय : : x x xxxxxxxxxxxxxx xxxxxxxxxxxxxx xxx xx संयम मागणा संयम सा, सामायि. छेदो. परिहार विशुद्धि सूक्ष्म साम्पराय यथारख्यात संयतासंयत असंयत संज. लोभ विना २७ की वि. अवि. । x x x x x x x संज्व. लोभ अनन्ता. ४ बिना २३ की वि. अवि.। अनन्ता.४ विना २४ की वि. अवि. । दर्शन मार्गणा चक्षु, अचक्षु অবধি x x xxx xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx लेश्या मार्गणा कृष्णादि ५ शुक्ल xxxx x x भव्य मागणा भव्य अभव्य x x x x सम्य, मिश्र मोह मिना २६ की वि., अवि.। xxxxxxxx सम्यक्त्व मार्गणा सम्यक्त्व सा. क्षायिक वेदक उपशम सम्यग्मिथ्यादृष्टि सासादन मिथ्यावृष्टि संशी मार्गणा संज्ञी असंज्ञी x x x x x x x x x x x x अनन्ता.४, दर्शन मोह ३ बिना २१ को वि.,अवि. । अनन्ता.४, सम्य., मिश्र मोह बिना २२ की वि., अवि.।। अनन्ता.४ मिना २४ की वि. अवि.। सर्व २८ की वि. x की वि. अवि,। x x x x xxxxx आहारक मार्गणा आहारक अनाहारक xx x x जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016011
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages551
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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