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द्रव्यकी अपेक्षा
क्षेत्रकी
अपेक्षा
कालकी अपेक्षा
संख्या
मागणा
गुणस्थान
प्रमाण
प्रमाण
असं का प्रमाण पखं
प्रमाण
→ सप्तम नरकन्द
सनत्कुमार-सहस्रार आनत-अपराजित
पर अ.
(पल्य/अंतुर्मु ) से अपहृत
अंतर्मु - आ.(टो.पृ.२६७)
JAGGC MSAKASHe
सर्वार्थ सिद्धि देव सामान्य
७५६
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।
अम उत. अवसे अपहृत
असं.
३३८
असं..
ज, प्र. + (२५६ सूच्यं गुल)२ । | → ओघवत्
। | भागाहार - असंचन सम्यग्दृष्टि सामान्यका भागहार + यही भागाहार
आ.
टी./२६६
असं
अस
असं.उत. अवसे अपहृत
, -असंयत सम्यग्दृष्टिका उपरोक्त भागाहारxआ. , -तीसरे गुणस्थानका उपरोक्त भागहारxसं. अमं.
ज.प्र./असं.प्रमाण असं.ज.श्रे. → उपरोक्त सामान्यवत् - ज. प्र. (सं. सौ योजन)२
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जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
असं.
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व्यन्तर
पल्य/असं उत असे अपहृत एल्य/असं वय+आ
असं
पत्य/असं.
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ज्योतिष सौधर्म-ईशान
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असं. उत. असे अपहत
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।
→ देव सामान्यवत - ज.प्र./असं प्रमाण असं ज, श्रे. → देव सामान्यक्त - → सप्तम पृथिवीवत् - ज. श्रे. असं | ( ज. श्रे.)३३
। (ज. श्रे.)इंट
टी./२८०
सनत्कुमार-सहस्त्रार सनत्कुमार-माहेन्द्र ब्रह्मब्रह्मोत्तर लान्तवका पिष्ठ शुक्र-महाशुक्र शतार-सहस्रार सनत्कुमारमे सहस्रार आनत-उपरिम प्रैवेर्षक .
(ज. श्रे.)
३. संख्या विषयक प्ररूपणाएं
| टी./२८१
→
सप्तम नरकवत
२-४ १-४
-
पल्य/असं
पत्य/अंतर्मुसे अपहृत पल्य/अंतर्मु. पल्य
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