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यंत्र
२६ - रत्नत्रय चक्र यंत्र
ॐ ह्री अचौर्यमहाव्रतान
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V
ॐ ही परि० त्याग
( महाव्रताय नम
'ब्रह्मचर्यमहाव्रताय नम ।
-Ibilt
| समितये नमः
अथसमग्राय
पीसमिवये ॐ ही मा
ॐ ह्री सत्यमहाव्रताय नम
ॐ ह्री
ॐ ही तदुभयसमग्र
३० - रत्नत्रय - विधान यंत्र
• समितये नमः
ॐ ही सृषणा. समितये नम
ॐ ही मन पययज्ञानाय नमः
ॐ हा कालाध्ययन'पवित्राय नम
ॐ मिती
महाव्रताय नम
ॐ ही अहिंसा
ॐ ही ईर्ष्यासमितये नम
ॐ ही निर्वि
गाय नम
ॐ ह्री
(अमृददृष्ट्या गाय नम
ॐ ह्रीं अवात्सल्य मलर
रहिताय
नमः
'समिसनमा ॐ ही ॐ ही अप्रभावनामरहिता नम.
ॐ ही
व्यक्तिताय नमः ॐ ही व्यञ्जन
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गाय नम
निशकिता ॐ ही
सिही
ॐ ही
३५८
ॐ ही उपधानो पिहिताय नम
ॐ ही भाषासमितये नम
ॐ ही उपगूहनागाय नम
नम
गुप्तये ॐ ही काय
ماما:
عامل:
ज्ञानचारित्र
ॐ ह्री करणा. | गाय नम
नमः ॥
गाय नम प्रभावनाॐ ह्री
क्षिक्री
व्रताय नम
व्रताय नमः
केवलज्ञानाय नमः
ॐ हीं आदान निक्षेपण- ॐ ह्रीं व्युत्सर्ग- ॐ. ही अहिसा महा-ॐ ही सत्य महा- ॐ. ही अचौर्य.
सम्यग्दर्शनाय न
निमुद्रिताय नम ॐ ही आदान
● ही स्थिति
फ्र
ਰ
नाय नमः ॐ ही
ॐ ही सम्यगवधिज्ञानाय नम ॐ ही काय गुप्तये ॐ ही ईर्या समितये ।
नम.
नमः
प्रभावाय ॐ ही बिन
गायनम
वात्सल्या
ॐ ही
गुप्तय नम
ॐ ही वचन
ॐ. ही शकामल ऊहीं
रहिताय नमः
नमः नमः
- मल रहिताय
ॐ द्विताय नमः ॥
सम्यग्ज्ञानाय
भल राहवाय
कित्सा ही अनुपस्थितिक
ॐ० ही सषणा
समितये नम
ही अ
ॐ ह्री समृहदाय नम हव ● ही गुर्वाद्यनिम
ही सम्यड् मतिज्ञानाय नमः
नम
डों कांक्षामल
रिलाय
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महाव्रताय नमः
ॐ ही
मनो.
ماما
गुप्तये - ॐ ही
●
ॐ ही आदाननिक्षे
पण प्रतिष्ठा
गुप्तये नमः
मनोगुप्तये ॐ. ही वचन
ॐ ही प्र
ॐ ह्रीं
ॐ ही ब्रह महाव्रताय नमः ब्रह्मचर्य.
ॐ ही सम्य ६ श्रुतज्ञानाय
ॐ ह्रीं महाव्रताय नमः
ह्रीं अपरिग्रह
३०. रत्नत्रय विधान यंत्र
斑
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