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भाव
२२३
२. पंचभाव निर्देश
१२. अन्य विषयों सम्बन्धी सूचीपत्र प्रकृति
स्थिति मूल प्र० । उत्तर प्र० मूल प्र० उत्तर प्र०
अनुभाग
प्रदेश
। मूल प्र०
।
उत्तर प्र० ।
मूल प्र०
उत्तर प्र०
अष्टकर्म बन्धके स्वामियों सम्बन्धीजघन्य उत्कृष्ट बन्धके स्वामी
। ३११-४२३ । २२१-२२२ । १६५-६६
२६६--
४१५-४२६
-
भुजगारादि पदोंके स्वामी
३
वृद्धि हानिरूप पदों के स्वामी
ताडपत्र नष्ट
२ | मोहनीय कर्मके स्वामियों सम्बन्धी-(क. प./न.)
जघन्य उत्कृष्ट पदोके स्वामी
२
।
भुजगारादि पदोंके स्वामी
३ . वृद्धि हानि पदोंके स्वामी
४ | २८, २४ आदि सत्त्व स्थानोके स्वामी
सत्त्व असत्त्वका भाव सामान्य
३ अन्य विषय-(क. पा./-पु नं)
कषायोका ओघ आदेशसे भाव
इन.
नोकर्म बन्धकी सघातन परिशातनमे कृति की ज० उ० आदि पदों सम्बन्धी ओघ व आदेश प्ररूपणा
४२८-४२६ अधः कर्मादि षट्कर्म के स्वामी
(ध./-पु.न)
१७२-१७५ पाँच शरीरोंके २, ३, ४ आदि भंगोंके स्वामी
२३ प्रकार वर्गणाके स्वामी
१४ १५२-१५३
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