________________
भागाभाग
नं०
४
9
१
२
३
४
२
१
२
३
४
६
प्रकृति विषयक
प्रकृति
अष्ट कर्म वन्ध सम्बन्धी ( म. मं
जघन्य उत्कृष्ट बन्ध
उत्तर प्र०
जघन्य उत्कृष्ट बन्धके स्वामियोंमें
भुजगारादि पदके स्वामियोंमें
वृद्धि हानि रूप पदोंके स्वामियो
१ ३७८-३७६
२
२०४-२४६ १४१-१४०
Jain Education International
स्थिति विषयक
प्र०
*13.7 - )
/- नं. $40
|
२ ४५०-४५२
२ ५०६-५१
कषायोके सत्वासत्त्वकी अपेक्षा --
१ ३७८-३७६
मोहनी कर्म सस्व सम्बन्धी (क.)
जघन्य उत्कृष्ट सत्त्व स्थानोंके स्वामियोकी अपेक्षा -
कर्म समासश्वको अपेक्षा
२
६७ ६६
२ १६०-६७
२८,२४,२३ आदि सत्त्व स्थानो की अपेक्षा
२
३८६-३१६
२ ३५०-३५३
भुजगार दि पोंके स्वामियोंकी अपेक्षा
२
३
३०२-३०४ ७६८-०६६
३
1
१६८-१६६
वृद्धि हानि रूप पदोके स्थागियोकी अपेक्षा
३
२१५
उत्तर प्र०
३
४४-४५१
३
३
- १०३ ४६१-८०३
३
११६-११८
१०४-१०८
* अन्य सम्बन्धित विषय
२
१. जोवोंका संख्या विषयक भागाभाग - दे० मख्या ३/४-६ जघन्य उत्कृष्ट योग स्थानोंमें स्थित जीवोंका ओव व आदेशसे भागाभाग । -80 (18 10/8/t) 1 ३. प्रथमादि योग वर्गणाओंमें जीव प्रदेशोंका ओघ व आदेशसे भागाभाग । -३० ( १०/२०४८/१९) जघन्य उत्कृष्ट अवगाहना स्थानों में स्थित टीका ओवव आदेश से भागाभाग ।
-३० (५.१२/२०/१६)
४
३६५-३६७
अनुभाग विषयक
मूल प्र०
४
१४६-९८६
४
२८६
४
३६२
८८-१२
१५२
५. १७६
उत्तर प्र०
४
३१४
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
For Private & Personal Use Only
४६८
k
६१८
५
३४-१५०
५
४६०-४६२
५ ५४७-५४६
मूल प्र०
६
१२७
भागाभाग
प्रदेश विषयक
उत्तर प्र०
५७०-५७१
५. जमन्य उत्कृष्ट क्षेत्रोंमें स्थिति जीका ओर व आदेशले भागाभाग । - दे० ( ध ३२ / १६ ) ।
६. २१ वर्गणाओंमें परमाणुओंका भागाभाग ।
- दे० ( ध १४/१६०-१६३ ) ७ पोच शरीरोंके जघन्य उत्कृष्ट व उभय स्थितिमें स्थित जीवों के निषेकका भागाभाग । -- दे० (ष ख १४ सू ३३१-३३१ / ३७० ) । ८. आठ कमको मूलोत्तर प्रकृतियोंके प्रकृति रूप भेदोंकी, समय [प्रदाता] व क्षेत्र प्रयासको अपेक्षा प्रमाणका परस्पर भागाभाग । -३० ( १२/३ १२९/०१
www.jainelibrary.org