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प्रकृति बंध
मागंगा
प्रथमोपदशम
द्वितीयोपशम
सम्यग्मध्यादृष्टि
सासादन मिथ्यादर्शन
असज्ञी
अनाहारक
गुण स्थान
गुण
स्थान
१
२
३
४
५
६
५
६
७
४-७
८-११
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१
१४. आहारक मार्गणा
आहारक
१२. संधी मार्गणा (प../. १२०-३२२ / ३८६३६०) (पीक /भा/१२९/१२३/४) बन्धयोग्य = अ घवत् १२०, गुणस्थान = १-१२
संशो
२
पिकी प्रकृतियाँ
-
| आ० द्वि०
२
| बन्धयोग्य-प्रोधके चतुर्थ गुणस्थानको 33+ आ० द्वि० मनुष्य देवायु ७७, गुणस्थान - ४-० / ओघवत् १० - मनुष्यायु प्रत्याख्यान ४ अस्थिर, अशुभ, अयश असाता, अति, शोक,
X
अन्धयोग्य प्रथमोपमकी
=६ = ४
= ६
बन्धयोग्य = १२०, गुण सं० १३
बन्ध स्थान
१०८
आयु रहित ७ कर्म अथवा आयु सहित ८ कर्म
"
बन्धयोग्य = ओघके ३ रे गुणस्थानवत् =७४, गुणस्थान - ३ रा बन्धयोग्य ओघके दूसरे गुणस्थानवत् १०१ ; गुणस्थान २ रा | बन्धयोग्य = ओधकी १२० - तीर्थ० आ० द्वि० = ११७, गुणस्थान- पहला
| बन्धयोग्य - ओधकी १२० - तीर्थ० आ० द्वि० = ११७, गुणस्थान-२ वत् १६ + नरक बिना
२ आयु = १६ ओघवन २५ + वज्र ऋषभ०, बी० द्वि०, मनु त्रिक, २६
=
11
अबन्ध
आयुके बिना ७ कर्म
आयु रहित ७ कर्म अथवा आयु सहित ८ कर्म
कुल पुन बन्ध बन्ध याग्य
आ० द्वि०
= ७७, गुणस्थान = ४-११ ( ल. सा. / जी प्र./२२०/२६५)
गुण स्थान
ह
૩૭
६६
१०
११
१२
१३
१४
६२
婦
- प्रथमोपद
जोवनंद
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३. सामान्य प्रकृतिवन्ध स्थान ओघ प्ररूपणा
प्रमाण पंस / प्रा०/३/४४४/२९६-२२०४/२४१) (//३/११-१२.४/०४-८५, ४/९९२) शतक/२०४२)।
-ओघवत्
११७
हृद
अबन्ध
७. प्रकृतिबन्ध विषयक प्ररूपणाएँ
ओषयत
कामणद
आयु बिना ७
99
X
पुन. बन्ध
11
आयु व मोह रहित ६
एक मेदनीय
बन्ध स्थान
शेष
अन्य व्युच्यि गन्य
योग्य
६६
२
१७
६८
∞ m
४
"
२६
牌
ફર
५६
t
१६ १८
६६
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