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नील
कापीरा
तेज
पद्म
मार्गणा
मार्गणा
तेज व पद्म
शुक्ल
गुण प्रमाण स्थान
१
२
३
४
१
२
३
४
१
२
or 20 an
३
४
१
~ 22
३
१
2x9
२
३
खू सू
२६६
२१६
२६६
(२६६ ।
| २६६,
२६६
२६६
२६६
| ३०२ |
५०७ ३०८
३०५
३०५
३०२
७
३०२
३०५
३०५ |
३०२
३०६ |
३१२|
३१२
४ ३०६
५-६ ३१५
| ३१८ |
उपशमक ८ १० ३१६ ११ ३२३
क्षपक ८-१३ | ३२६
जघन्य अपेक्षा
निरन्तर
१ समय लोपमद
....
19
"
१ समय लोध
"
P
१ समय लो
नाना जीवापेक्षया
11
:::
99
निरन्तर
""
...
,,
निरन्तर
१ समय
१- समय मूलोघवस्
„
11
निरन्तर
:
15
१ समय लोघवत्
निरन्तर
19
19
निरन्तर
:
=
मूलोघवत्
प्रमाण
२६६
२६६
२६६
२६६
REE
२६६
२६६ ]
सू सू
| २६६
| ३०२
३०५
३०५ |
३०२
३०२
३०५
(३०५
३०२
३०८
३०६
३१२ | |३१२ |
३०६
३१५
३१६
३२०
३२४
३
३२६|
1
उरकृष्ट
:::.
पत्य / असं. ३०० |
३००
२१७,
२६७
पश्य / असं ३००
११
:::
::::
प्रमाण
पक्य/बर्स. ३०६
३०६
:::
सू सू २१७
99
३००
२१७
३०३
पत्य / असं. १३०६)
(३०६
३०३
३०८
वर्ष पृ.
३०३
३०३।
पश्य/असं ३१३
(३१३
३१०
१३१०
३१५
३१७ |
३२१ ३२५
३२६|
जघन्य
अन्तर्मुहूर्त
पक्ष्य / असं.
अन्तर्मुहूर्त
99
पव्य / अस
अन्तर्मुहूर्त
::
पल्य / असं.
अन्तर्मुहूर्त
11
पत्य / असं.
अन्तर्मुहूर्त
अन्तर्मुहूर्त
पत्य / असं.
अन्तर्मुहूर्त
F:
अन्तर्मुहूर्त
35
अपेक्षा
गुणस्थान परिवर्तन
मूलोघवद
परिवर्तन
91
मूलोघवद
33
गुणस्थान परिवर्तन
लोषमय
१९
गुणस्थान परिवर्तन
मूलोघवत्
गुणस्थान परिवर्तन लेश्याकाल से
का काल अधिक है।
देवोंमें पुणस्थान परि
प्रमाण
२६८
३०१
३०१
२१८]
| २६८
३०१
३०१
२१८
३०४
(३०७)
३०७ ]
३०४
३०४ |
३०७
३०७
| ३०४)
गुणस्थान- ३०८
३१११
सोद
देवो गुणस्थान परि. लेश्याका काल गुणस्थान ३१५) से कम है
३१४]
३१४
१९९
पूर्व उपराम श्रेणी ३१८ पर चढ़कर उतरे
लघु कालसे पड़कर उतरे १२५ गुणस्थानका काल गया- ३२५ से अधिक है मरि नीचे
उतरे तो स्या नह महोब
एक जीवापेक्षया
उत्कृष्ट
120
खू
१० सा.-४बंध.
"-8"
७ सा.-४
ܕܕ ܚܢ
201
4.
साधिक २ सा.
- ४ अंतर्मु
,,-२ समय
-अनु.
बंद
साधिका
४] अं.
,, समय
अंध
बैठ
अंतर्मु
11- "1
"-4"
***
अन्तर्मुहूर्त
::
अपेक्षा
कृष्णमपर जोकी अपेक्षा म पृ.
"
"
कृष्णमपर की अपेक्षा १ली. पृ.
""
331
पद
91
२ सागर आयुवाले देवों में उत्पन्न मिया सभ्य चारे भवान् पुनः मिष्या
११ वा.४ अंतर्मुग्रम्म लिंगी उपरम प्रेमें जा सम्य धार भवके अन्त में पुनः मिथ्या.
"
परन्तु मिथ्या प्राप्तो भवान्तमें सम्य तेजवदपर ७ की बजाये १८ सा. आयु वाले देवोंमें उत्पत्ति
19
"
श्या कालसे गुणस्थानका का अधिक है।
• (यथायोग्य)
"9
.. परन्तु सभ्य. से भिय्या. भवान् सम्य.) श्याका काल गुणस्थानसे कम है
उप श्रेणी उतरकर प्रमत्त हो पुनः पढ़े
दीर्घ काल कर पड़े पुनस्थानका काल तेरवासे अधिक है। यदि मोने उतरे तो या न जाये
१९