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ओयु
सत्त्व पर भवको आयुका बन्ध भये उदयागत आयु सहित दोय आयु का है - एकबद्धमान और एक भुज्यमान । बहुरि अबद्धायुकै एक उदय आया भुज्यमान आयु ही का सत्व है।
गो.क./६४४/८३८
७. आयु विषयक प्ररूपणाएँ
1. नरक गति सम्बन्धी
पटल
सं
1
1=
मधे मधे विहोति भगा हु एक भये एकापसिया ऐसे पूरीति करि बन्ध वा अबन्ध वा उपरत बन्धकरि एक जीवके एक पर्याय वि एक आयु प्रति तीन भग नियम तैं होय है ।
सामान्य प्ररूपणा विशेष प्ररूपणा सकेत
सामान्य १०००० वर्ष १ सागर १ | १०००० वर्ष ६०,००० वर्ष
क्रम
२
३
४
३
४
५ १/१० सागर १/५
६ १/५
३/१०
२/५
८ २/५
१/२ १/२ २/५ १० ३/५ ७/१० ११ ७/१०
४/५ ६/१०
१२ ४/५
१३ ६/१०
.
ह
सागर
१
१
२६०,०००,१०,०००००, १-२/११ ६०,०००,००,, अस को पू
१-५/११
अस को पू १/१० सागर
१-६/११
21
९-८/१९
१- १०/११
67
३/१०
+
13
12
अपू.
तेज
13
११
"
31
(न आ. १९१४-१९१६) (स सि ३/६/२२-२३) (स सि ४/३५ / ११३), (ज प. ११/१७८), (म पु. १०/१३), (द्र स / टी ३५/११७) । ( ति प २ / २०४-२१४) (रामा ३/६/०/१०/१८) (हरि. ४/२५०-२१४) (०/२२६/११६-११०) (.सा. १८-२००) अस ख्यात, को क्रोड, पू-पूर्व (७०५६०००००००००० वर्ष )
असं
प्रथम पृथिवी
द्वितीय पृथिवी
जघन्य उत्कृष्ट
तृतीय पृथिवी चतुर्थ पृथिवों पचम पृथिवी जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट सागर सागर सागर सागर सागर सागर १७
३.
७
१०
३
३-४/६ ७ 10-3/9 ३-४१६ - १-८/६ ०-३० ७-६/० ३-८/६४-३/६७-६/७ ८-२/७ ४-३/१४-७/१८-२० ८-५/० ४-०/२५-२६ ८-५६० ६-१० ५-२६५-६६ ६-१/७ ६-४/७ २-६६६-१/६ १-५/० १०
19
33
17
मार्गणा
एकेन्द्रिय पृथिवी कायिक
"
वायु
वनस्पति साधारण विकलेन्द्रिय
द्वीन्द्रिय
जिय
चतुरिन्द्रिय
"1
१ सा
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25
"
"
97
"
11
२. तियं गति सम्बन्धी
प्रमाण (मू आ ११०५-११११ ), ( ति प ५ / २८१-२१०); (रा.वा ३/३६/ ३-४ / २०१), (त्रि सा १२८-३३०) (गो जी जी २०८/४५८)
संकेत १८४००,००० वर्ष १ पूर्व ७०३८०००००००००० वर्ष ।
विशेष
जघन्य
शुद्ध
खर
२१/९९
२-३/१९
२-५/११
२-०/११
२-१/११
उत्कृष्ट
सागर
३
१-२/११
१-४/११
१-६/११
१-८/११
१-१०/११
२-९/११
२-३/११
२-५/११
२-०/११ ६-५/६
२-६/११
३-०
२६३
जघन्य
सर्वत्र अन्तर्मुहूर्त
4-8/8 4-4/8
७
आयु } उत्कृष्ट
सम्पादि
विष
क्रम
बन्ध
उदय
सत्व
60
१२ वर्ष
४ दिनरात १२ 4 महीने
१०. मिश्र योगों आयुका बन्ध सम्भव नहीं गोक/भापा १०५/१०/१ जातें मिश्र योग विषै आयुबन्ध होय नाहीं ।
पचेन्द्रिय
१० जलचर
१९ परिस
मार्गणा
१६
१७ मध्यम
बन्ध
अबन्ध वर्तमान बन्धक (अबद्धायुष्क)
१२ उरग वर्ष १२०००६] [१२] पक्षी २२००० वर्ष १४ चौवे
७०००
19
३ दिन रात १५ असंज्ञी पंचेन्द्रिय
३००० वर्ष
१०००० "
१८ जघन्य
भोगभूम २० कर्म
१
१
२
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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७. आयु विषयक प्ररूपणाएं
X
१
१
विशेष
"
सागर सागर | सागर सागर १० १७ २२ २२ ३३ १० |११-२/५ १७ १८- २/३ २२ ३३ ११-१/४ १२-४/४ १८-२/२ २०-१/३ | / १२-४/५ १४-१/५ | २०-१ / ३ २२ १४-१/२१५-२२ १५-२५ १०
मत्स्यादि
गोह नेवला सरी
पादि
"
सर्प
कर्मभूमि भैरुड आदि कर्म भूमिज
भोग भूमिज
उत्तम भागभूमिज | देवकुरु - उत्तर कुरु
हरि व रम्यक क्षेत्र हैमवत हिरण्यवत (अन्तद्वीप)
उपरत बन्ध
(वायुष्
षष्ठ पृथिवी सक्षम पृथिवी
जघन्य | उत्कृष्ट | जघन्य | उत्कृष्ट
X
१
२
सर्वत्र अन्तर्मुहू
आयु
जघन्य । उत्कृष्ट
[१] [को] पूर्व ६ पूर्वाग
४२००० वर्ष ७२००० "
१ पल्य को पूर्व
३ पक्य
२ "
१
11
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