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हिन्दी-गुजराती धातुकोश राजस्थानी भाषा और साहित्य
-मोतीराम मेनारिया, 1951 पुस्तक के प्रथम खण्ड में राजस्थानी क्रिया-रूपों की संक्षिप्त चर्चा है तथा गुजराती क्रियाओं से साम्य
का निर्देश है। राजस्थानी भाषा और साहित्य
-~-हीरालाल माहेश्वरी, आधुनिक, कलकत्ता; 1960 हाडौती बोली और साहित्य
-कन्हैयालाल शर्मा, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर, 1965 [पुस्तक के 'बाली खण्ड' में 'क्रियापद' नामक प्रकरण में वर्गीकृत धातुपाठ के साथ क्रियाओं की व्याकरणिक
चर्चा हैं। हिन्दी और उसकी विविध बोलियाँ
--दीपचन्द जैन, कैलाश तिवारी, मध्यप्रदेश ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1972 हिन्दी और बंगला भाषाओं का तुलनात्मक अध्ययन
-संतोष जैन, शब्दाकार, दिल्ली, 1974 [चतुर्थ अध्याय में धातुओं का ऐतिहासिक तथा रूपगत वर्गीकरण दृष्टव्य है।] हिन्दी भाषा : रूप-विकास
-सरनामसिंह शर्मा, चिन्मय, जयपुर, 1968 [अध्याय 11 के अंतर्गत धातुओं की वर्गीकृत सूचियाँ दी गई हैं। उदाहरण सहित व्युत्पत्तिमूलक चर्चा हुई है।] हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग
-नामवरसिंह, साहित्य भवन, इलाहाबाद, 1954 [पुस्तक के पृ. 136-147 के बीच क्रिया-धातुकी सोदाहरण चर्चा है ।। हिन्दी भाषा पर फारसी और अंग्रेजी का प्रभाव
-मोहनलाल तिवारी, नागरी, वाराणसी, 1969
'िख' विभाग में हिन्दी में प्रयुक्त फारसी क्रियाएँ तथा अंग्रेजी संज्ञा या विशेषण के योग से बननेवाली
संयुक्त क्रियाओं के उदाहरण दिए गए हैं।] हिन्दी पर फारसी का प्रभाव
- अम्बिकाप्रसाद वाजपेयी, सम्मेलन, प्रयाग, 1938 हिन्दी: उद्भव, विकास और रूप
-हरदेव बाहरी, किताब महज, इलाहाबाद, 1965 हिन्दी भाषा
--भोलानाथ तिवारी, किताब महल, इलाहाबाद, 1966 हिन्दी भाषा का इतिहास
--धीरेन्द्र वर्मा, हिन्दुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद, 1949 हिन्दी भाषा का उद्भव और विकास
-उदयनारायण तिवारी, किताब महल, इलाहाबाद, 1961 हिन्दी भाषा का स्वरूप-विकास
--अवधेश्वर, अरुण, बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, पटना, 1973
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