________________
१४४
राष
राष स. देश. खेत में एक विशेष प्रकार से रुखा (1) अ. ना. वि. (रुख संज्ञा; फा.) किसी खाद डालना 3620
ओर रुख होना; किसी ओर रुख करना राम अ. दे. 'रम' 3621
(2) अ. ना. रूखा होना; सं. नीरस या फीका राल स. देश (*रल्ल; दे. इआले 10640)
करना 3638 मिश्रित करना; गोदना. गुज. रळ 'अर्जित रुच अ. भव (रुच् ; प्रा. रुच्चू ; दे. इआले करना' 3622
10765) प्रिय जान पड़ना, पसंद आना. गुज. राह स. देश. (दे. पृ. 147, दे. श. को.)
रुच 3639 चक्की के पाटों को खुरदुरा करके पीसने रुझ (1) अ. देश घाव आदि का भरना • योग्य बनाना 3623
(2) अ. देश. उलझना; मन का किसी काम रिंग अ. देश. रेग' 3624
में लगे रहना 3640 रिडक स. देश. दही आदि बिलोना; अ. खटकना
रुल अ. देश. मारा-मारा फिरना; दबा रह जाना
3641 3625 रित अ. ना. भव सं. रिक्त विशे; प्रा. रित्त;
रुंद (1) स. दे. 'रौंद' दे. इआले 10729) खाली होना तुल. गुज.
__ (2) स. दे. 'रुंध' 3642 रिक्त विशे. 3626
बैध स. भव (सं. रुधु; प्रा. रुध्ः दे. इआले रिपट अ. दे. 'रपट' 3627
10782) (रक्षा के लिए) कांटेदार पौधों आदि रिर अ. अनु. (दे. पृ. 511, मा. हि. को-4)
से घेर देना; रास्ता बंद कर देना. गुज. ॐध बहुत गिडगिडाते हुए अपनी दीनता प्रकट
'रास्ता बंद करना' 3643 करना 3628
रूच अ. दे. 'रुच' 3644 रिरिया अ. दे. 'रिर' 3629
रूठ अ. ना. भव (सं. रुष्ट; रुष : प्रा. रुट्ठ *रिल अ. दे. 'रल' 3630
विशे; दें. इआले 10791) अप्रसन्न होना. रिस (1) अ. सम (सं. रिश; दे. इआले. गुज. रूठ 3645
10749) नम्हें नन्हें छेदों से तरल द्रव्य रूत अ. दे. 'रता' 3646 का निकलना
रूम अ. अनु. ('झुम' का अनु. दे. पृ. 522, मा. (2) अ. भव (सं. रिए : दे. इआले 10749) हि. को-4) 3647 नाराज होना. गुज. रिसा 3631
रूर अ. देश, ऊँचे स्वर में बोलना; दहाड़ना रिसा अ. दे. 'रिस (2)' 3632
3648 रिसिआ अ. दे 'रिस 2, 3633
रूस अ. भव (सं रुषः प्रा. रूसू ; दे. इआले रीध स. दे. 'राध' 3634
___10794) रोष करना; रूठना, गुज. रूस रीझ अ. भव (सं. ऋधु ; प्रा. रिज्यू ; दे. इआले 3649
2457) प्रसन्न होना; मुग्ध होना. गुज. रीझ रूह (1) अ. दे. 'रोह' 3635
(2) अ. दे. 'सैंध' 3650 रीत अ. दे. 'रित' 3636
रेक अ. अनु. देश. (रेका दे इआले 10734) रीध स. दे. 'राध' 3637
गधे का बोलना; बहुत बुरी तरह से चिल्लाते
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org