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16. -वही , पृ.23.
जैनिज्म इन बिहार; पी.सी. राय चौधरी; प्र.7 18. छक्खंडा-मंगलायरण; 1/1/25 आचार्य वीरसेन; (तिरयण तिसूल धारिय)। 19. पउमचरियं; विमलसूरि; 4.68-69 20. आदिपुराण; आचार्य जिनसेन 24/73-74. 21. पुरुदेवचम्पूप्रबन्ध 1/1; श्रीमद् अर्हद्दास (दिव्यध्वनि मृदुलतालंकृतमुखः)। 22. पउमचरियं; विमलसूरि; 4/68-69। 23. भारत में संस्कृति एवं धर्म; डॉ. एम.एल. शर्मा, पृ. 19. 24. दे. टि. क्र. 18. 25. आदिपुराण; आचार्य जिनसेन 1/4; (रत्नत्रयं जैन जैत्रमस्त्रं जयत्यदः)। 26. पुरुदेवचम्पूप्रबन्ध; श्रीमदर्हद्दास 5; (रत्नत्रयं राजति जैत्रमस्त्रं)। 27. आदिपुराण; आचार्य जिनसेन; 15/36; संगीत समयसार; आचार्य पार्श्वदेव 7/96 28. दे. टि. क्र. 21. 29. आदिपुराण; 24/77/-78; आचार्य जिनसेन; पउमचरियं 4/68-69; विमलसूरि । 30. छान्दोग्य उपनिषद्, शांकर भाष्य 5/7
आउटलाईन्स ऑफ जैनिज्म: जगमंदर लाल जैन: प.344 32. मज्झिमनिकाय (पालि) 12 महासिंहनाद सुत्तं; पृ. 905 33. इंडस सिविलाइजेशन, ऋग्वेद एंड हिन्दू कल्चर; पी. आर. देशमुख, पृ. 364 34. —वही- पृ. 367. 35. -वहीं-- पृ. 365.
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