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श्री वीर नामावलि-कीर्तन -रच० ० पन्नालाल जैन, 'पवल' बरेली (भोपाल) म०प्र०
शत पच्चीस पर वर्ष बहत्तर, पूर्व माज प्रमान ।
पधारे महावीर भगवान ॥ टेक।।
कुण्डलपुर में जन्म कहाये, विसला अंक सुजान । वर्षमान थे नाम धराये, वैभव वृद्धि महान ।।
पधारे महावीर भगवान ।।
अनंतचतुष्टय के तुम घारी, गर्भहि से त्रय-शान । बाल-ब्रहमचारी अखिलेश्वर, हे प्रभु दया-निधान ।
पधारे महावीर भगवान ।।
बाला-पन झूलन को विरिया, शंका ले मुनि मान ।। दर्श-मात्र शंका निरसन भई,सन्मति नाम बखान ।।
पधारे महावीर भगवान ।।
संगम-देवनाग बन पाया, मामलि-क्रीडा थान । पूछपकड़ कर उरग नचाया, तब प्रति-वीर पिछान ।
पधारे महावीर भगवान ।।
युवा-काल के समय भक्त-जन, थापी मूर्ति-महान । रत्नाभरण मुकुट माथे पर, जीवन्त-स्वामी मान ।।
पधारे महावीर भगवान ।।
रुद्र किये उपसर्ग भयङ्कर, मुक्तक-मर्घट जान । सहे सिथिर रह घोर-उपद्रव, महावीर भगवान ।।
पधारे महावीर भगवान ।।
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