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________________ २०. श्रमणविद्या गाहाकमो 170 255 175 260 131 68 137 116 143 157 91 188 282 पदम पादं से धपणा लोयतए तेणुत्त णव पयस्था ते धण्णा ते धणिणो ते धण्णा सुकियत्था थंभेइ जलं जलणं दसणणाणचरित्ते दाऊण किचि रत्ति दाणस्साहारफलं दायारो उवसंतो दिसि विदिसि पच्चक्खाणं दीवहिं दीवियासादीहरपवाससहयर दुक्खेण लहइ वितं देवाण होइ देवो देविदचक्कवट्टि देविंदचक्कहरमंडलीय देवे थुवइ तियाले देहतवणियमसंयम देहो पाणा रूअं धम्मं करेइ तुरिया धम्मेण कुलपसंसइ धम्मेण धणं विमलं धम्मेण विणा जइ चितियाई धम्मो मंगलमूलं धूम्मिल्लाणं चयणं धूवेण सि सिरकरधवल नट्ट कम्मबंधण नयणाण मोकलाणं नरणरवइदेवाणं नरसिरि हुति सिराणं न्हवणं काऊण पुणो पक्खालिऊण पत्तं गाहाकमो पढमं पादं 263 पक्खालिऊण वयणं 81 पत्थरमया वि दोणी 71 पच्चूसे उद्विता 74 पडिकूलयाउ काउ 23 पडिजग्गणेहिं तणु113 पणयजणपूरियासा 174 परलोगे वि सरूवो 239 पंचविहं चारित्तं 240 पंचुबरसहियाई 159 पंचेव अणुव्वयाई 102 पंच वि थावरवियले 67 पुट्ठो वा अपुट्ठो वा 258 पुणरवि तमेव धम्म 274 पुण्णेण कुल विउलं 196 पुण्णस्स कारणं फुडु 127 पुव्वुत्तणवविहाणं 160 फासुयजलेण आहाइय 134 बारह मिच्छावायइ 243 बालोयं बुड्ढोयं 204 भत्ती सद्धा य खमा 61 भमइ जए जस कित्ती भवणं जिणस्स ण कयं 60 भावहु अणुव्वयाई भुक्खाकयमरणभयं 190 मुक्खसमा ण हु वाही 103 भुजेइ पाणिपत्तम्मि 293 ___ मणवयणकायकारिय 40 मंसासणेण गिद्धो 206 __ महिसीए तिणदिण्णं 10 महुमज्जमंसविरई 95 मा कीरउ पाणिवहो 192 मुणिऊण गरुवकज्ज 266 92 185 93 90 117 241 136 223 224 248 244 66 62 191 184 148 250 222 208 179 संकाय पत्रिका-१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014028
Book TitleShramanvidya Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1983
Total Pages402
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size14 MB
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