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तच्च वियारी
गाहाको पढमं पादं
पढमं पादं पुणिभोयणेण दवं मोतून वत्थमेतं रज्जम्भंसं वसणं रयणसमयम्मि ठिच्चा रायगणिस्संको रे जीव पावणिग्धिण रे जीव संपयं चित्र
264 187 146 173 84 54 48 46 288 203 291
सव्वत्थणिउणबुद्धि सव्वेसिं जीवाण सठसयं विजयार्ण संका दोसर हियं संवेओ णिव्वेओ संसारम्मि असारे साकेते सेवंती सिद्धसरूवं झायइ
लहिऊण माणुसतं लहिऊण सोक्कझाणं
1
लोभाओ आरंभी लोग सहर सितं
सिरहाणुव्वट्टण सुइ अमलो वरवण्णो सुभपरिणामो जायइ
172
सुदाणेण य लब्भइ
वाण हाणुह वारवईए विज्जा
141
25
सावरो अपारो सोहि सयो भाइ सो दाया सो तवसी
45
वाहिजलजलणतक्कर वाही इट्ठवियोगो विजयपडाएहिं णरो विणओ वेय्यावच्चं
107
सो सो सो वंधू हिए गुहाये णवकार
220
विणएण ससंकुज्जल
125
हिय मियपुज्जं सुत्ता
वित्तं चित्तं पत्तं सत्तू वि मित्तभावं सत्तमि तेरसि दिवसम्मि
259 128 169
हिंसारहिए धम् हिंसारहि ध हिंसाविरई सच्च
संथारोहणे हि य
132
सम संतोसजलेणं
32
होऊण सुइ चेय होऊण खयरणाहो होऊन चक्कट्टी
सम्मादिट्ठि पुण्णं
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२१
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२०१
गाहाको
149 236 16 83
76
42 154 166
181 272 135 237
2
261
207 262
26 120
75
221
158
162
152
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