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प्रकाशचन्दजी जैन, डा० डी. कुमार, पं० भंवरलाल विभाग में प्रस्तुत अपने शोध प्रबन्ध में अहिंसा के पोल्याका, श्री मोहनलालजी जोशी, डा० नरेन्द्र प्रतिष्ठापक भगवान महावीर का अपने जीवन भानावत, श्री विद्यानन्दजी काला, डा० मूलचन्द काल में मांस भक्षण करने एवं जैन मुनि अकाल सेठिया, श्री प्रवीणचन्दजी छाबड़ा, श्री तेजकरणजी आदि विशेष परिस्थिति में अपने जीवन रक्षार्थ मांस डंडिया, श्री कपूरचन्दजी पाटनी, श्री निहाल- मछली आदि के सेवन का उल्लेख करने को सभा चन्दजी पाण्ड्या, डा० कस्तूरचन्द कासलीवाल ने के तत्वावधान में दि. 24 सितम्बर 77 की प्रायोविभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रकट किये। जित समस्त जैन समाज की सभा में विरोध किया श्री महावीर दि. जैन उच्च माध्यमिक विद्यालय, गया एवं केन्द्रीय सरकार एवं विद्यालय को इस पद्मावती कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, वीर आपत्तिजनक अंश को शोध ग्रंथ में से निकालने बालिका संघ, श्री महावीर दि. जैन बालिका विद्या- हेतु निवेदन किया। लय एवं श्री दिगम्बर जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय द्वारा संवाद व भजन प्रादि प्रस्तत किये (5) रजत जयन्ती समाराहःगये ।
16 अक्टूबर 1977 को सभा के रजत जयन्ती
वर्ष के प्रवेश अवसर पर प्रातः एक सामूहिक (3) क्षमापन पर्व समारोहः
पूजन का दिग. जैन नशिया विजयरामजी पांड्या सदा की भांति विश्व प्रेम की भावना को में आयोजन किया गया एवं रचनात्मक कार्यों के जागृत करने हेतु सामूहिक क्षमापन पर्व समारोह, किये जाने हेतु विचार विमर्श किया । दिनांक 29 सितम्बर, 1977 को प्रातः 71 बजे रामलीला मैदान में श्री त्रिलोकचन्दजी जैन उद्योग (6) शाक सभा मंत्री की अध्यक्षता में मनाया गया। इस अवसर 27 अक्टूबर 77 को समाज शिरोमणी साहू पर मुख्य अतिथि श्री भैरोसिंहजी शेखावत मुख्य शांति प्रसादजी के असामयिक निधन पर एक मन्त्री राजस्थान ने जन समुदाय को संबोधित शोक सभा का आयोजन दि. 30 अक्टूबर को प्रातः करते हुए कहा कि हमारी क्षमा शाब्दिक व महावीर पार्क में किया गया । सर्व प्रथम सभा के प्रौपचारिक मात्र न होकर वास्तविक एवं हृदय से अध्यक्ष श्री राजकुमार काला ने साहू साहब के चित्र होनी चाहिये । प्राध्यात्मिक प्रवक्ता पं० अभय- को माल्यार्पण किया। इस अवसर पर कुमारजी ने कहा कि तत्वज्ञान के अभ्यास द्वारा हम 23 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने साहू सा. के द्वारा कषायों का शमन करें ताकि क्रोध व बैर उत्पन्न किये गये कार्यों पर प्रकाश डालते हुए भावभीनी ही न हो । अध्यक्षीय भाषण करते हुये श्री जैन श्रद्धाजलियां अर्पित की । अन्त में 2 मिनट का सा. ने कहा कि इस महान पर्व पर बैर भाव मौन रख कर सामूहिक श्रद्धांजली अर्पित की गई । उत्पन्न न करें एवं जरूरत मन्द व्यक्तियों की सहायता करें। .... ....
(7) महावीर निर्वाणोत्सव समारोहः
___11 नवम्बर 1977 को बड़े दीवान जी के (4) शोध प्रबन्ध के आपत्तिजनक अंश पर विरोधः
मन्दिर में निर्वाण दिवस की सांध्य बेला में प्रायोवीणा जैन नामक शोध छात्रा ने पी. एच. जित किया गया । जिसमें डा० हुकमचंदजी भारिल्ल डी. की उपाधि हेतु दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध एवं पं० मिलापचन्दजी शास्त्री ने समारोह की
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