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नव साहित्य
कसौटी पर।
"त्रिशला नन्दन महावीर"
रचयिता-श्री हजारीलाल जैन “काका बुन्देलखण्डी"
सकरार (झांसी) प्रकाशक- सेठ श्री भगवानदासजी जैन, सागर (म. प्र.) प्राकार- २०४३०/१६
श्री हजारी 'काका' हास्य रस के जाने-माने लोक प्रिय जैन कवि हैं । मक्ति स में भी इनको लेखनी पूर्ण तन्मयता से गोता लगा लेती है।
प्रस्तुत पुस्तक में विश्व-वंद्य भगवान मह बोर की जीवनी को कवि ने सरल, सुबोध एवं प्राडम्बर-हीन लोक-भाषा में छन्दोबद्ध प्रस्तुत किया है । रचना वस्तुतः जैन जगत् को साहित्यिक धरोहर बन गई है।
१०२ पृष्ठों को पुस्तक का मूल्य मनन मात्र है जो इसकी प्रतिरिक्त विशेषता है।
महावीर जयन्ती स्मारिका 77
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